SIR के विरोध में मानसून सत्र धुलने के आसार, 11 अगस्त को निकाला जाएगा विरोध मार्च; विपक्ष की रणनीति तैयार
बिहार में मतदाता सूची से लाखों नाम हटाने के मुद्दे पर संसद में घमासान जारी है। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए ने एकजुट होकर एसआईआर पर चर्चा की मांग की है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वोट चोरी के मामले पर संसद में चर्चा लोकतंत्र की रक्षा के लिए ज़रूरी है। विपक्ष ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए।

संजय मिश्र, जागरण, नई दिल्ली। बिहार में चुनाव आयोग के मतदाता सूची विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) में लाखों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से बाहर किए के दावों को लेकर संसद में जारी घमासान अब और तेज हो गया है। विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन ने इस पर पूरी एकजुटता दिखाते हुए साफ कर दिया है कि वह संसद में 'एसआईआर' पर चर्चा की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को साथी घटक दलों के नेताओं के साथ दो टूक एलान किया कि मतदाता सूची में हेर-फेर कर 'वोट चोरी' के मामले पर संसद में चर्चा कराना लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपरिहार्य है और विपक्ष दल इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे। चुनाव आयोग की भूमिका से लेकर वोट चोरी की आशंकाओं को चिंताजनक करार देते हुए यह भी दावा किया कि वोट का अधिकार छीनना व्यक्ति की नागरिकता छीनने जैसा है।
मानसून सत्र के पूरी तरह धुलने की आशंका
हालांकि विपक्षी दलों के आक्रामक तेवरों के बावजूद सरकार ने दबाव नहीं आने का साफ संदेश देते हुए अदालत में विचाराधीन 'एसआईआर' पर चर्चा के लिए राजी होने का कोई संकेत नहीं दिया है। सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते इस टकराव को देखते हुए मानसून सत्र के पूरी तरह धुलने की आशंका गहरा गई है। सियासी घमासान के बीच ही जरूरी विधेयकों को पारित कराने पर सरकार के अब आगे बढ़ने से भी साफ है कि संसद का वर्तमान गतिरोध टूटने की संभावनाएं धूमिल पड़ने लगी हैं।
हंगामे में ही विधेयकों को पारित कराने की सरकार की रणनीति को देखते हुए ही बुधवार को विपक्षी दलों जवाबी घेरेबंदी की अपनी कोशिशें तेज करते हुए बुधवार को विजय चौक पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण में गंभीर खामियों का दावा कर सरकार पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। सहयोगी दलों नेताओं की मौजूदगी में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां ने स्पीकर, राज्यसभा उपसभापति और सरकार से बार-बार कहा है कि वोट चोरी पर चर्चा की जाए।
कांग्रेस ने जताया विरोध
- उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पहले महाराष्ट्र में वोट बढ़ाकर चुनाव जीती तो कर्नाटक में धांधली की और अब बिहार में लोगों के वोट काटकर चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास हो रहा है। इसलिए सर पर चर्चा हो ताकि जहां गड़बड़ी और असंवैधानिक काम हुआ है उसे सामने लाकर लोगों के वोट के अधिकार सुरक्षित किए जा सकें। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वोट का अधिकार हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और किसी का वोट छीनना उसकी नागरिकता छीनने के बराबर है।
- लोकसभा में स्पीकर की कई दशक पहले दी गई व्यवस्था का हवाला देते हुए पुनरीक्षण मामले के अदालत में विचाराधीन होने के आधार पर सदन में चर्चा नहीं कराने के सरकार के तर्क को नेता विपक्ष ने खारिज किया। साथ ही 21 जुलाई 2023 को राज्यसभा के तत्कालीन सभापति जगदीप धनखड़ की सदन में टिप्पणी कि 'हम धरती पर हो रही हर बात पर चर्चा कर सकते हैं' का जिक्र कर कहा कि सर पर चर्चा बिल्कुल की जा सकती है।
- यह चर्चा इसलिए भी जरूरी है कि बिहार में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों के वोट काटे जा रहे हैं। प्रवासी मजदूरों का हक छीना जा रहा है। हम चर्चा कराने का पूरा दबाव डालेंगे और अगर सरकार नहीं मानती है तो ये समझा जाएगा कि वह संविधान-लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है।
11 अगस्त को विरोध मार्च
तृणमूल कांग्रेस नेता सागरिका घोष ने खरगे की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष सर को लेकर संसद के अंदर ही नहीं बाहर भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा। आईएनडीआईए की सभी पार्टियां 11 अगस्त को चुनाव आयोग मुख्यालय तक विरोध मार्च करेंगी। द्रमुक नेता तिरुचि शिवा ने दावा किया कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में संशोधन के बहाने लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित कर रहा है।
माकपा नेता जॉन ब्रिटास ने कहा कि मतदाता सूची लोकतंत्र की आधारशिला है और इसमें छेड़छाड़ लोकतंत्र के मूल तत्व को ही नष्ट कर देगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार जिन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें हैं वहां मतदाता सूची में हेर-फेर करने का प्रयास कर रही है। खास बात यह रही कि विपक्षी बैठकों से दूरी बना रही आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक भी इस दौरान न केवल मौजूद थे सर को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल भी उठाए।
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