'लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाना चाहता है विपक्ष', बिहार मतदाता पुनरीक्षण को लेकर इंडी गठबंधन पर भड़की भाजपा
बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर सरकार और विपक्ष में घमासान जारी है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया वहीं भाजपा ने विपक्ष पर विदेशी घुसपैठियों के सहारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों ने इसे नागरिकता परीक्षण और गरीबों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास बताया।

पीटीआई, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक घमासान जारी है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग को संस्थागत अहंकार नहीं दिखाना चाहिए और विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को रोक देना चाहिए।
इसके जवाब में भाजपा ने विपक्षी गठबंधन पर विदेशी घुसपैठियों के दम पर भारतीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया।
भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, राजद सांसद मनोज झा और माकपा नेता नीलोत्पल बसु के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा की जा रही यह प्रक्रिया 'नागरिकता परीक्षण' बन गई है। मैं चुनाव आयोग से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि यह राजनीतिक हठ का मामला नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि यह संस्थागत अहंकार का मामला नहीं है। कृपया इस पर पुनर्विचार करें। हर कोई आपसे आग्रह कर रहा है। सिंघवी ने चुनाव से पहले इस प्रक्रिया में जल्दबाजी पर भी सवाल उठाया।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग के ''आत्म-प्रशंसापूर्ण'' दावे उनकी आशंकाओं की पुष्टि करते हैं। हमने सुना है कि 65 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। चुनाव आयोग का दावा मूलत: हमारी आशंकाओं की पुष्टि करता है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है।
मनोज झा ने इसे आजादी के बाद से मताधिकार से वंचित करने की सबसे बड़ी कवायद बताया। नीलोत्पल बसु ने इसे गरीबों को मताधिकार से वंचित करने की कोशिश करार दिया।
मतदाता पुनरीक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा: भाजपा
विपक्षी दलों द्वारा मतदाता पुनरीक्षण अभियान की तीखी आलोचना पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह अभियान मतदाता सूची में आवश्यक बदलाव लाने के उद्देश्य से है। यह पूरी तरह पारदर्शी है।
आइएनडीआइए की पार्टियां उन जगहों पर जीत रही हैं, जहां घुसपैठियों की मौजूदगी के चलते जनसांख्यिकी में सबसे ज्यादा बदलाव आया है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रतिष्ठा का मुद्दा है। लेकिन, राहुल गांधी किसी भी कीमत पर सत्ता हथियाना चाहते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि इंदिरा गांधी 50 साल पहले मानती थीं कि चुनाव की वैधता उनकी जीत पर निर्भर करती है। राहुल गांधी भी उसी आपातकालीन मानसिकता से ग्रस्त हैं। राहुल गांधी के अनुसार, चुनाव आयोग ने तेलंगाना, पंजाब, बंगाल और हिमाचल प्रदेश में अच्छा काम किया, क्योंकि इन राज्यों में आइएनडीआइए की पार्टियां जीतीं। लेकिन, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में चुनाव आयोग ने अच्छा काम नहीं किया, क्योंकि इन राज्यों में भाजपा जीती।
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