बिहार में 2020 की गलती नहीं दोहराएगी कांग्रेस, सीट बंटवारे को लेकर अलर्ट हुए सीनियर नेता
बिहार कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा से उत्साहित हैं और आगामी विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर सतर्क हैं। कांग्रेस हाईकमान भी सम्मानजनक फार्मूला निकालने के लिए सक्रिय है जिला और प्रदेश इकाईयों से रिपोर्ट ले रहा है। कांग्रेस 2020 की गलती नहीं दोहराना चाहती और जीत की संभावना वाली सीटों पर फोकस कर रही है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा से मिली सियासी संजीवनी से लबरेज बिहार कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ता नवंबर-दिसबंर में होने वाले विधानसभा चुनाव सीट बंटवारे में राजद के दांव-पेंच की सियासत को थामने के लिए सतर्क ही नहीं बेहद सक्रिय हैं। इस सक्रियता के बीच कांग्रेस हाईकमान भी सीट बंटवारे का सम्मानजनक फार्मूला निकालने का अपना आधार मजबूत कर रहा है।
इस क्रम में जिला-प्रदेश इकाईयों, सूबे के नेताओं, चुनाव के लिए भेजे गए एआइसीसी के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के साथ-साथ स्वतंत्र एजेंसियों से कराए गए सर्वे के आधार पर अपनी दावेदारी वाली सीटों पर तीन से चार उम्मीदवारों का प्रभावशाली पैनल तैयार करा रही है। पार्टी के संकेतों से साफ है कि पैनल में शामिल किए जाने वाले नाम ऐसे होंगे कि इसकी अनदेखी करना राजद नेतृत्व के लिए सहज नहीं होगा।
बिहार में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस अलर्ट
महागठबंधन में सीट बंटवारे का फैसला होने से पहले उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस की तत्परता से साफ है कि वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मिले समर्थन को पार्टी सूबे में अपनी चुनावी संभावनाओं के लिए बड़ा मौका मान रही है। इसके मद्देनजर ही बुधवार को दिल्ली में बिहार चुनाव के लिए गठित कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी अजय माकन के नेतृत्व में पहली बैठक में सीट बंटवारे के फार्मूले को लेकर चर्चा हुई।
2020 की गलती नहीं दोहराएगी कांग्रेस
बिहार कांग्रेस नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा राहुल गांधी की बैठक में भी सूबे के नेताओं ने सीट बंटवारे पर 2020 का चूक नहीं दोहराया जीत की संभावना वाली सीटों पर फोकस करने पर जोर दिया। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 70 सीटें मिली थी मगर इसमें काफी ऐसी सीटें थी जिस पर कांग्रेस या राजद पिछले कई चुनावों में जीत नहीं पायी थी। महागठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे पर राजद की पिछली सियासी चतुराई से प्रदेश कांग्रेस के नेता इतने चौकन्ने हैं कि हाईकमान को बार-बार 2025 में इसे नहीं दोहराने की याद दिलाते हुए दबाव बना रहे हैं।
जैसाकि बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने कहा कि राहुल गांधी की वोट चोरी के खिलाफ यात्रा से हर जिल में पार्टी की स्थिति पहले से बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव दिखने को मिल रहा है। इसे देखते हुए कांग्रेस को 70 की बजाय 90 सीटों पर दावेदारी करनी चाहिए तभी सम्मानजनक फार्मूला तय हो पाएगा। इतना ही नहीं कांग्रेस उन इलाकों में ज्यादा सीटों पर लड़े जहां-जहां राहुल गांधी की यात्रा का व्यापक असर हुआ है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का राजद से अच्छा स्ट्राइक रेट
कांग्रेस के पिछले चुनाव में कमजोर स्ट्राइक रेट को लेकर राजद के तर्क पर किशोर झा ने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में राजद 27 पर लड़ी और चार जीती, जबकि नौ सीटों पर लड़कर कांग्रेस तीन पर जीत हासिल की। पप्पू यादव की सीट जोड़ लें तो यह 10 में चार हो जाता है और ऐसे में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट राजद से बेहतर रहा।
वैसे बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने भी बुधवार को पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा था कि सीटों के बंटवारे में अच्छी और बुरी सीट का संतुलन होना चाहिए। सीट बंटवारा फार्मूले पर उनका कहना था कि पार्टी कितनी सीटों की कुर्बान देगी इससे पहले जानना जरूरी है कि कितने नए साझेदार आ रहे हैं और उन्हें कितनी सीटें दी जाएंगी। नए दलों के लिए सभी घटक दलों को अपने हिस्से की कुछ सीटों की कुर्बानी देने की बात कह अल्लावरू ने राजद को भी संदेश दिया कि उसे भी अपनी कुछ सीटें दूसरे दलों के लिए छोड़नी होगी।
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