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    मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 'सुमन' योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का सारा खर्च सरकार उठाएगी

    By Bhupendra SinghEdited By:
    Updated: Sat, 12 Oct 2019 07:04 AM (IST)

    प्रसव के दौरान होने वाले सभी खर्च चाहे आपरेशन से ही क्यों न हो सरकार उठाएगी। प्रसव के बाद छह महीने तक मां और बच्चे को मुफ्त दवाइयां भी मुहैया कराएगी। ...और पढ़ें

    मोदी सरकार का बड़ा फैसला, 'सुमन' योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का सारा खर्च सरकार उठाएगी

    नीलू रंजन, नई दिल्ली। अब देश में प्रसव के दौरान इलाज के अभाव में किसी भी मां या बच्चे की मौत नहीं होगी। सौ फीसदी सुरक्षित मातृत्व का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने सुमन (सुरक्षित मातृत्व आश्वासन) नाम से नई योजना शुरू की है। योजना का उद्देश्य देश में सौ फीसदी प्रसव को अस्पताल या प्रशिक्षित नर्स की निगरानी में सुनिश्चित कराना है। फिलहाल यह आंकड़ा 80 फीसदी है।

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    गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी

    स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नई योजना के तहत हर गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी दी जाएगी। इसके तहत गर्भवती महिला को प्रसव से पहले चार बार मुफ्त जांच का अधिकार होगा, जिसमें महिला के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु की सेहत का भी पता चल सकेगा। यही नहीं, प्रसव के पहले महिला को अस्पताल तक लाने और बाद में वापस घर जाने के लिए मुफ्त एंबुलेंस उपलब्ध कराया जाएगा।

    सभी खर्च सरकार उठाएगी

    प्रसव के दौरान होने वाले सभी खर्च चाहे आपरेशन से ही क्यों न हो, सरकार उठाएगी। प्रसव के बाद छह महीने तक मां और बच्चे को मुफ्त दवाइयां भी मुहैया कराएगी। नवजात बच्चे के किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने की स्थिति में उसके इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।

    सभी गर्भवती महिलाओं तक इस योजना का लाभ सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक 'सर्विस गारंटी चार्टर' जारी किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दूरदराज के इलाकों तक गर्भवती महिलाओं तक पहुंचने के लिए सरकार ने स्वयं सहायता समूहों, गांव स्तर पर बनी स्वास्थ्य व स्वच्छता समितियों के साथ एनजीओ की सहायता लेने का फैसला किया है।

    अस्पताल जाने और आने के लिए मुफ्त वाहन भी होगा उपलब्ध

    टोल फ्री नंबर 102 या 108 पर कॉल कर किसी गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए मुफ्त में वाहन मंगाई जा सकती है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में लापरवाही के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति होगी।

    महिलाओं को सुविधा से वंचित नहीं रहना पड़ेगा

    वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सौ फीसदी प्रसव अस्पताल में कराने का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है। अभी तक 80 फीसदी प्रसव अस्पतालों में हो रहा है। जिनमें 52 फीसदी सरकारी अस्पतालों में हो रहा है। सुमन अभियान से यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि पैसे की कमी के कारण किसी महिलाओं को प्रसव के दौरान अस्पताल की सुविधा से वंचित नहीं रहना पड़े।