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Article 370: J&K का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के मामले की सुनवाई संविधान पीठ करेगी

अनुच्छेद 370 पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने ये मामला संविधान पीठ को सौंप दिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:06 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 02:14 PM (IST)
Article 370: J&K का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के मामले की सुनवाई संविधान पीठ करेगी
Article 370: J&K का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के मामले की सुनवाई संविधान पीठ करेगी

नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35 a के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर की गई। आज (बुधवार) उनमें से अधिकतकर पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और बाकी लोगों को नोटिस जारी किया है। साथ ही, कहा है कि पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ अक्टूबर के पहले सप्ताह में अनुच्छेद 370 से संबंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि वह अनुच्छेद 370 हटाए जाने की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करेगा। दरअसल, कोर्ट केंद्र सरकार की दलील से सहमत नहीं था, केंद्र ने कहा था कि अटॉर्नी जनरल के. के वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल कोर्ट में मौजूद है इसलिए नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 10 से भी अधिक याचिकाएं दायर की गई थी। 

 

कोर्ट ने कहा नहीं बदलने वाले फैसला 
जारी नोटिस को लेकर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कोर्ट जो भी बात कहता है वह संयुक्त राष्ट्र में पेश की जाती है। साथ ही, दलील दी गई की इस पर सीमा पार से प्रतिक्रया आएगी। कोर्ट ने इस दलील को दरकिनार करते हुए कहा, हमें पता है क्या-क्या करना है, हमने आदेश दे दिया है और हम इसे बदलने वाले नहीं है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीर टाइम्स के कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर भी केंद्र को नोटिस जारी किया, जिसमें इंटरनेट, लैंडलाइन और अन्य संचार चैनलों पर प्रतिबंध को कम करने के लिए निर्देश दिया गया है। SC ने सात दिनों के अंदर केंद्र से इस मामले में विस्तृत जवाब मांगा है।

साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार नियुक्त करने के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में संचार माध्यमों पर पाबंदियों सहित अन्य प्रतिबंधों को हटाने के लिए याचिका में मांग की गई थी। केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ अधिवक्ता एमएल शर्मा ने याचिका दायर की थी।

इन लोगों ने दायर की थी याचिका 
नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन, रिटायर्ड जस्टिस हसनैन मसूदी, पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार की ओर से भी याचिका दाखिल की थी। वहीं, वकील एमएल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि राज्य में संचार पर लगी पाबंदियां पत्रकारों के पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की राह में रोडा बन रहा है। 

जम्मू-कश्मीर पहुंची अल्पसंख्यक मंत्रालय की एक टीम 
इसी बीच अल्पसंख्यक समुदाय की एक टीम जम्मू-कश्मीर पहुंची। ये टीम घाटी में उन इलाकों की पहचान करेगी, जहां अल्पसंख्यकों से जुड़ी केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।

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