J&K से Article 370 व 35A हुआ खत्म, 20 बिंदुओं में समझें- इससे क्या बदलाव होगा
Jammu and Kashmir से Article 370 खत्म होने से वहां कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। ये परिवर्तन हमारे-आपके अधिकारों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। जानें- ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के बहुप्रतीक्षित फैसले पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ही राज्य में लागू 35ए (विशेष नागरिकता अधिकार) भी स्वतः समाप्त हो गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 और 35ए, खत्म होने की सूचना संसद में दी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में अनुच्छेद-370 व 35ए को खत्म करने की जानकारी दी। 20 बिंदुओं में जानें- जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 व 35ए खत्म होने का क्या मतलब है और इससे आपको क्या अधिकार मिलेगें।

अनुच्छेद-370 व 35ए खत्म होते ही राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा हुआ है। जहां कुछ राजनेता इसे एक देश-एक संविधान बता रहे हैं। वहीं ज्यादातर विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। जानकारों का भी मानना है कि अनुच्छेद-370 व 35ए खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर सही मायनों में भारत का अभिन्न अंग हो गया है। देश के अन्य राज्यों के लोगों के लिए ये बहुत बड़ी खुशखबरी है, जिसका इंतजार देश को आजादी के बाद से था।
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अनुच्छेद-370 व 35ए खत्म होने से होंगे ये 20 परिवर्तन
1. अब जम्मू-कश्मीर में देश के अन्य राज्यों के लोग भी जमीन लेकर बस सकेंगे।
2. कश्मीर का अब अलग झंडा नहीं होगा। मतलब वहां भी अब तिरंगा शान से लहराएगा। जम्मू-कश्मीर में अब तिरंगे का अपमान या उसे जलाना या नुकसान पहुंचाना संगीन अपराध की श्रेणी में आएगा।
3. अनुच्छेद-370 के साथ ही जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान भी इतिहास बन गया है। अब वहां भी भारत का संविधान लागू होगा।
4. जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों की दोहरी नागरिकता समाप्त हो जाएगी।
5. जम्मू-कश्मीर के दो टुकड़े कर दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे।

6. अब अनुच्छेद-370 का खंड-1 केवल लागू रहेगा। शेष खंड समाप्त कर दिए गए हैं। खंड-1 भी राष्ट्रपति द्वारा लागू किया गया था। राष्ट्रपति द्वारा इसे भी हटाया जा सकता है। अनुच्छेद 370 के खंड-1 के मुताबिक जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह कर राष्ट्रपति, संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को जम्मू और कश्मीर पर लागू कर सकते हैं।
7. अनुच्छेद-370 की पहचान इसके सबसे विवादित खंड 2 व 3 से थी, जो भेदभाव से भरी थी। इन दोनों खंडों को ही समाप्त किया गया है। मतलब प्रभावी रूप से अनुच्छेद 370 से आजादी मिल गई है।
8. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। मतलब जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार बनेगी, लेकिन लद्दाख की कोई स्थानीय सरकार नहीं होगी।
9. जम्मू-कश्मीर की लड़कियों को अब दूसरे राज्य के लोगों से भी शादी करने की स्वतंत्रता होगी। दूसरे राज्य के पुरुष से शादी करने पर उनकी नागरिकता खत्म नहीं होगी।
10. अनुच्छेद-370 में पहले भी कई बदलाव हुए हैं। 1965 तक जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल की जगह सदर-ए-रियासत और मुख्यमंत्री की जगह प्रधानमंत्री हुआ करता था।
11. अनुच्छेद-370 को खत्म करने की मंजूरी राष्ट्रपति ने पहले ही दे दी थी। दरअसल ये अनुच्छेद पूर्व में राष्ट्रपति द्वारा ही लागू किया गया था। इसलिए इसे खत्म करने के लिए संसद से पारित कराने की आवश्यकता नहीं थी। संसद में केवल दोनों राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव पेश किया गया है।
12. जम्मू-कश्मीर सरकार का कार्यकाल अब छह साल का नहीं, बल्कि पांच वर्ष का ही होगा।
13. भारत का कोई भी नागरिक अब जम्मू-कश्मीर में नौकरी भी कर सकेगा। अब तक जम्मू-कश्मीर में केवल स्थानीय लोगों को ही नौकरी का अधिकार था।
14. अन्य राज्यों से जम्मू-कश्मीर जाकर रहने वाले लोगों को भी वहां मतदान करने का अधिकार मिल सकेगा। साथ ही अन्य राज्यों के लोग भी अब वहां से चुनाव लड़ सकेंगे।
15. जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के लोग भी अब शिक्षा के अधिकार, सूचना के अधिकार जैसे भारत के हर कानून का लाभ उठा सकेंगे।
16. केंद्र सरकार की कैग जैसी संस्था अब जम्मू-कश्मीर में भी भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए ऑडिट कर सकेगी। इससे वहां भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
17. अब जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में भी सुप्रीम कोर्ट का हर फैसला लागू होगा। पहले जनहित में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले वहां लागू नहीं होते थे।
18. महिलाओं पर पर्सनल कानून बेअसर हो जाएगा। इस संशोधन से सबसे बड़ी राहत जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को ही मिली है। संशोधन को जम्मू-कश्मीर की महिलाओ की आजादी के तौर भी देखा जा सकता है।
19. अब तक यहां की कानून व्यवस्था मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी थी। अब दिल्ली की तरह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख की कानून-व्यवस्था भी सीधे केंद्र के हाथ में होगी। गृहमंत्री, उपराज्यपाल के जरिये इसे संभालेंगे।
20. प्रशासनिक कार्य के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को अब केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर वहां तैनात उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी।

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