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    साल 2019 में BJP-NCP सरकार बनाने से पहले अजित पवार के अलावा शरद पवार के साथ भी हुई थी चर्चा: देवेंद्र फडणवीस

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Tue, 14 Feb 2023 12:35 AM (IST)

    महाराष्ट्र में तीन साल पहले हुए राजनीतिक उठापठक को याद करते हुए राज्य के मौजूदा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पूरी निष्पक्षता के साथ मैं कहना चाहता हूं कि अजीत पवार ने मेरे साथ ईमानदारी से शपथ ली... लेकिन बाद में उनकी (राकांपा की) रणनीति बदल गई।

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    सोमवार को देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि तीन साल पहले हुए इस कवायद में शरद पवार का समर्थन था।

    मुंबई, एजेंसी। महाराष्ट्र में साल 2019 में हुए सियासी उठापठक को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक चौंकाने वाली जानकारी साझा की है। तीन साल पहले बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से हाथ मिलाया था। हालांकि, एनसीपी के नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने रातोंरात तख्तापलट कर दी। सोमवार को देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि तीन साल पहले हुई इस पूरी कवायद में शरद पवार का समर्थन था।

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    अजित पवार ने मेरे साथ ईमानदारी से शपथ ली थी: देवेंद्र फडणवीस

    उन्होंने कहा, 'हमारे पास एनसीपी की ओर से प्रस्ताव आया था कि उन्हें एक स्थिर सरकार की जरूरत है और हमें मिलकर ऐसी सरकार बनानी चाहिए। हमने आगे बढ़ने और बातचीत करने का फैसला किया। बातचीत शरद पवार से हुई। फिर चीजें बदल गईं। आपने देखा है कि चीजें कैसे बदलीं।'

    एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान फडणवीस ने कहा, 'पूरी निष्पक्षता के साथ मैं कहना चाहता हूं कि अजित पवार ने मेरे साथ ईमानदारी से शपथ ली, लेकिन बाद में उनकी (राकांपा की) रणनीति बदल गई।' गौरतलब है कि फडणवीस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा, 'मुझे लगा कि देवेंद्र एक संस्कारी व्यक्ति और सज्जन व्यक्ति हैं। मुझे कभी नहीं लगा कि वह झूठ का सहारा लेंगे और इस तरह का बयान देंगे।'

    चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना और बीजेपी हो गए अलग

    बता दें कि साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजेपी के साथ गठबंधन में रही शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी। एक साथ सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें होने के बावजूद, दोनों पार्टियों के बीच सत्ता बंटवारे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विवाद का वजह मुख्यमंत्री का पद बताया गया।

    विवाद के बीच शिवसेना ने वैचारिक रूप से अलग कांग्रेस और एनसीपी के साथ बातचीत शुरू की और महाराष्ट्र में सरकार बना ली। इसके बाद शरद पवार ने घोषणा की कि उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से नई सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है।

    बता दें कि 23 नवंबर को सुबह-सुबह फडणवीस ने अजित पवार के साथ शपथ ग्रहण किया था । महाराष्ट्र में तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। मंत्रालय तीन दिनों तक चला, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली।

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