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    Bihar Election Result 2025 : बिहार में महागठबंधन की करारी हार पर AIMIM का तंज, वारिस पठान बोले- 'हमने केवल...'

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:49 PM (IST)

    बिहार में महागठबंधन की हार पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने तंज कसते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने सिर्फ सच्चाई दिखाई है। उन्होंने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा महागठबंधन की ओर था। चुनाव नतीजों के बाद विभिन्न दलों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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    वारिस पठान। (एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत और महागठबंधन को करारी हार मिली है। एनडीए 200 से ज्यादा सीटों के साथ एक बार फिर सरकार में जोरदार वापसी कर रही है।

    इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 9 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जेडीयू 84 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। आरजेडी को 25 और एलजेपी (रामविलास) को 19 सीटें मिली हैं। AIMIM को 5 सीटों पर सफलता मिली है।

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    एआईएमआइएम ने आजेडी पर कसा तंज

    बिहार चुनाव में महागठबंधन की कारारी हार पर एआईएमआइएम ने आजेडी पर तंज कसा है। वारिस पठान ने इस हार के लिए आरजेडी के अहंकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में, हम उनके पास गए थे और साथ मिलकर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। लेकिन वे बहुत घमंडी थे।"

    अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे के लिए आरजेडी और कांग्रेस जिम्मेदार- वारिस

    वारिस पठान ने कहा कि अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे के लिए आरजेडी और कांग्रेस खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने दोहराया कि हमने महागठबंधन से सिर्फ छह सीटें मांगकर साथ आने का मौका दिया गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

    पठान ने आगे कहा, "पहले महाराष्ट्र में और अब बिहार में, उन्होंने हमें भाजपा की बी टीम कहा और जिसके कारण उन्हें हार और अपमान का सामना करना पड़ा।"

    मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री घोषित करना बड़ी भूल- वारिस

    एआईएमआईएम नेता ने कहा कि विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके महागठबंधन ने एक रणनीतिक भूल की है।

    उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने मल्ल समुदाय के 2 प्रतिशत मतदाता वर्ग के एक व्यक्ति को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया... लेकिन 19 प्रतिशत मतदाता वर्ग वाले समुदाय की पूरी तरह उपेक्षा की गई और इसके नतीजे सामने हैं।"

    बिहार में विपक्षी महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर आगे है, जबकि 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए 200 का आंकड़ा पार कर चुका है। 

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