लोकसभा में पहले दिन पेश नहीं हुई महुआ के खिलाफ कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट, निष्कासन का विरोध करेगा विपक्ष
सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के कथित आरोपों में घिरी तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश वाली आचार संहिता समिति की रिपोर्ट शीत सत्र के पहले दिन सदन में पेश नहीं की गई। वैसे रिपोर्ट पेश नहीं होने के बावजूद महुआ की लोकसभा सदस्यता पर मंडराता खतरा टला नहीं है और माना जा रहा है कि दो-तीन दिनों में पेश हो जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के कथित आरोपों में घिरी तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश वाली आचार संहिता समिति की रिपोर्ट शीत सत्र के पहले दिन सदन में पेश नहीं की गई। सूचीबद्ध होने के बावजूद रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किए जाने को लेकर विपक्षी सदस्यों ने आश्चर्य जताते हुए नोंक-झोंक भी किया।
महुआ मोइत्रा की सदस्यता पर खतरा बरकरार
वैसे रिपोर्ट पेश नहीं होने के बावजूद महुआ की लोकसभा सदस्यता पर मंडराता खतरा टला नहीं है और माना जा रहा कि अगले दो-तीन दिनों में सरकार आचार संहिता समिति की रिपोर्ट सदन में पेश कर तृणमूल सांसद के निष्कासन का प्रस्ताव पारित कराने की कोशिश करेगी।
भाजपा सांसद विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार संहिता समिति ने सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के आरोपों की शिकायत की जांच करने के बाद तैयार अपनी रिपोर्ट में महुआ को कठघरे में खड़ा करते हुए लोकसभा से उनके निष्कासन की सिफारिश की है।
लोकसभा की कार्यसूची में आचार संहिता समिति की रिपोर्ट सदन में पेश करने के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन दोबारा शुरू हुआ, मंत्रियों ने पटल पर कागजात रखे। आपराधिक कानूनों को बदलने संबंधी विधेयकों पर तीन रिपोर्टें पेश की गईं, लेकिन आसन का संचालन कर रहे पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी ने आचार संहिता समिति की रिपोर्ट को पटल पर रखने का उल्लेख नहीं छोड़ दिया।
क्या कुछ बोले अधीर रंजन चौधरी?
टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, कांग्रेस के के. सुरेश और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने रिपोर्ट नहीं रखे जाने पर सवाल उठाया, मगर सरकार या आसन से कोई टीका-टिप्पणी नहीं की गई। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बाद में कहा,
सत्ता पक्ष ने कुछ कारणों की वजह से रिपोर्ट पेश नहीं करने के लिए मजबूर हुआ है, लेकिन एक-दो दिन में इसे पेश कर दिया जाएगा।
समझा जाता है कि तीन राज्यों की बड़ी जीत से बने माहौल के अगले ही दिन मोइत्रा विवाद पर सियासी संग्राम का विपक्ष को मौका नहीं देने की रणनीति के तहत सरकार ने रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किया। विपक्षी दलों के सदस्य मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पारित करने के खिलाफ हैं ओर स्पीकर ओम बिरला के जरिए इस रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर को तीन दिन पहले ही इस बारे में पत्र भेजा दिया था और सोमवार को उन्होंने साफ कहा कि मोइत्रा की सदस्यता खत्म करने का उनकी पार्टी समेत पूरा विपक्ष पूरजोर विरोध करेगा। हालांकि संकेतों से साफ है कि सत्ता पक्ष महुआ के प्रति किसी तरह की नरमी बरतने को तैयार नहीं है और उनके खिलाफ कार्रवाई महज चंद दिनों की बात है।
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा शीत सत्र के पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुईं और रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जब इसे सदन में रखा जाएगा तब वह इस पर टिप्पणी करेंगी।
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