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Karnataka: स्‍पीकर ने 14 और बागियों को अयोग्‍य घोषित किया, येदियुरप्‍पा बोले- हासिल कर लेंगे विश्‍वास मत

कर्नाटक विधानसभा के अध्‍यक्ष केआर रमेश कुमार ने 14 बागी विधायकों को अयोग्‍य करार दिया है। स्‍पीकर के इस फैसले से विश्‍वास मत के मामले में भाजपा की राह और आसान हो गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 11:58 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 04:17 PM (IST)
Karnataka: स्‍पीकर ने 14 और बागियों को अयोग्‍य घोषित किया, येदियुरप्‍पा बोले- हासिल कर लेंगे विश्‍वास मत
Karnataka: स्‍पीकर ने 14 और बागियों को अयोग्‍य घोषित किया, येदियुरप्‍पा बोले- हासिल कर लेंगे विश्‍वास मत

बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक विधानसभा के अध्‍यक्ष केआर रमेश कुमार (Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar) ने 14 बागी विधायकों को अयोग्‍य करार दिया है। बीते दिनों बागी विधायकों के इस्‍तीफे के बाद हुए फ्लोर टेस्‍ट में एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार गिर गई थी। इसके बाद येदियुरप्‍पा ने शुक्रवार शाम को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को कल यानी सोमवार को सदन में अपना बहुमत साबित करना है। ऐसे में कर्नाटक विधानसभा अध्‍यक्ष के इस फैसले ने राज्‍य का सियासी गणित बदल दिया है। 

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इस बीच कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री यदियुरप्‍पा ने कहा है कि वह सोमवार को होने वाले विश्‍वास मत परीक्षण में 100 फीसद बहुमत हासिल कर लेंगे। जिन बागी विधायकों को अयोग्‍य करार दिया गया है उनमें कांग्रेस के बैराठी बासवराज, मुनिरत्‍ना, एसटी सोमशेखर, रोशन बेग, आनंद सिंह, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, के. सुधाकर, शिवराम हेब्बार, श्रीमंत पाटिल शामिल हैं। इसके साथ ही जेडीएस के. गोपालैया, नारायण गौड़ा, एएच विश्वनाथ को भी अयोग्‍य करार दिया गया है।

गौर करने वाली बात यह है कि अयोग्य एमएलए 2023 से पहले विधायकी का उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे क्‍योंकि विधानसभा का कार्यकाल 2023 तक है। हालांकि, तय समय से पहले विधानसभा भंग हुई तो साल 2023 से पहले अयोग्‍य करार दिए जाने वाले विधायक चुनाव लड़ सकते हैं। 

इससे पहले विधानसभा अध्‍यक्ष रमेश कुमार तीन विधायकों रमेश जारकिहोली, महेश कुमतल्‍ली, आर शंकर को अयोग्य करार दे चुके हैं। आज के 14 विधायकों को शामिल कर लें तो अब कुल 17 एमएलए अयोग्‍य करार दिए जा चुके हैं। स्‍पीकर के इस ताजा फैसले के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 207 बच गई है। यानी बीएस येदियुरप्‍पा को बहुमत साबित करने के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी। सनद रहे कि भाजपा के पास खुद के 105 विधायक मौजूद हैं। 

अपने फैसले में विधानसभा अध्‍यक्ष रमेश कुमार ने कहा है कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत उन्‍होंने यह फैसला किया है। अयोग्य करार दिए गए विधायक ना तो चुनाव लड़ सकते हैं ना ही उप चुनाव में विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं। उन्‍होंने यह भी दलील दी है कि सदस्यों ने स्वेच्छा और सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया जिससे उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। बागी विधायकों ने संविधान में वर्णित (दलबदल विरोधी कानून) 10वीं अनुसूची के प्रावधानों को तोड़ा है। 

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा कल विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे। लिहाजा पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने विधानसभा की दो किलोमीटर की परिधि में 29 जुलाई की सुबह छह बजे से 30 जुलाई मध्यरात्रि तक धारा-144 लागू करने के आदेश जारी किया है। उधर विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य ठहराए गए विधायक रमेश एल. जर्किहोली (कांग्रेस), महेश कुमाथल्ली (कांग्रेस) और आर. शंकर (निर्दलीय) ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। 

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