रवांडाः आखिर इस छोटे से देश ने ऐसा क्या कर दिया जो भारत और चीन के लिए खास हो गया?
इस देश ने पिछले एक दशक के दौरान लैंगिक विभेद समाप्त करने से लेकर आर्थिक विकास दर को तेज करने में जो प्रगति की है वह अभूतपूर्व है।
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। मध्य अफ्रीका का एक बेहद छोटा देश रवांडा अचानक इतना खास कैसे हो गया कि कुछ ही घंटों के भीतर चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री उसकी राजकीय यात्रा पर पहुंच गये? सिर्फ 1.2 करोड़ की आबादी वाले इस देश ने पिछले एक दशक के दौरान लैंगिक विभेद समाप्त करने से लेकर आर्थिक विकास दर को तेज करने में जो प्रगति की है उसे देख कर एशिया के दोनों सुपरपावर उसके जरिए पूरे अफ्रीकी महादेश में पैर फैलाने की संभावना देख रहे हैं।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रवांडा में भारी भरकम निवेश का वादा किया है जबकि पीएम नरेंद्र मोदी ने रवांडा को अपना रणनीतिक साझेदार देश बना कर यह जता दिया कि वह रवांडा को अफ्रीका के प्रवेश द्वार के तौर पर देख रहे हैं।
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चिनफिंग और मोदी की यह पहली रवांडा यात्रा नहीं है बल्कि यह किसी भी चीनी या भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा है। रवांडा की मिल रही इस अहमियत के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि भारत और चीन अफ्रीका में अपनी कनेक्टिविटी परियोजनाओं को परवान चढ़ाना चाहते हैं और इस काम में रवांडा, सेनेगल और यूगांडा जैसे देशों की मदद सबसे अहम होगी। वैसे चीन इस मामले में भारत से काफी आगे है।
चीन ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत अफ्रीका को जोड़ने का रोडमैप भी बनाया है उसमें रवांडा एक अहम भागीदार है। जबकि भारत अफ्रीका में कनेक्टिविटी परियोजनाओं को जापान की मदद से लागू करने की इच्छा रखता है। इस बारे में भारत व जापान में समझौता भी हुआ है लेकिन अभी तक आगे का रोडमैप नहीं बना है। उधर, रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे ने चीन की कनेक्टिविटी परियोजना से जुड़ने की सहमति दे दी है।
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वैसे रवांडा की अहमियत पहचानने में भारत भी बहुत पीछे नहीं है। रवांडा के साथ जनवरी, 2017 में भारत ने रणनीतिक साझेदारी का समझौता भी किया था। दोनो देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने के लिए भी एक समझौता भी होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी देर शाम वहां पहुंचने के बाद राष्ट्रपति कगामे से मिलेंगे और उन्हें भारत की तरफ से 200 गायों का तोहफा भी देंगे।
सनद रहे कि कगामे की राजनीति में गाय की बेहद अहमियत है। उन्होंने अपने पहले चुनाव में हर परिवार को एक गाय देने का ऐलान किया था। विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) टी एस त्रिमूर्ति के मुताबिक भारत की कोशिश हमेशा से यह है कि रवांडा को उसके विकास में हरसंभव मदद दी जाए। पीएम मोदी द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाने के लिए रवांडा के उद्यमियों को और ज्यादा कर्ज भी उपलब्ध कराने का ऐलान करेंगे।
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अफ्रीका मामलों को देखने वाले विदेश मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी रवांडा को मिल रही अहमियत के बारे में बताते हैं कि इस देश ने पिछले डेढ़ दशक में जितनी प्रगति की है वैसा उदाहरण अफ्रीका में मिलना मुश्किल है। इसकी आर्थिक विकास दर लगातार 7 फीसद से ज्यादा रही है। समाज में अपराध और भ्रष्टाचार को कम करने में इसकी सफलता को अब दूसरे देश अपनाने लगे हैं।
समाजिक जन-जीवन में महिलाओं को सम्मानजक स्थान दिलाने में रवांडा सरकार की कोशिशों का साफ तौर पर असर दिख रहा है। अभी यहां के संसद में 61 फीसद महिलायें हैं जो पूरी दुनिया में संसदीय व्यवस्था में महिलाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी है। इन वजहों से भारत व चीन जैसे देशों की कंपनियों के लिए रवांडा बेहद आकर्षक स्थल बनता जा रहा है।