Move to Jagran APP

कोरोना वायरस के रोगी ठीक होने के बाद भी हो रहे दोबारा संक्रमित, जानें इसकी सबसे बड़ी वजह

कोरोना वायरस का प्रकोप तीन माह बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं जो मरीज इससे उबर चुके हैं उनमें भी दोबारा इससे संक्रमित होने की खबर से वैज्ञानिक परेशान हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 04:49 PM (IST)
कोरोना वायरस के रोगी ठीक होने के बाद भी हो रहे दोबारा संक्रमित, जानें इसकी सबसे बड़ी वजह
कोरोना वायरस के रोगी ठीक होने के बाद भी हो रहे दोबारा संक्रमित, जानें इसकी सबसे बड़ी वजह

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 428275 मरीज अब तक ठीक हुए हैं। ये आंकड़ा दुनिया के कुल मरीजों की संख्‍या के हिसाब से बेहद कम है। दिसंबर 2019 से अब तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस की काट तलाशने में लगे हैं लेकिन अब तक कामयाबी की तरफ अमेरिका, चीन और इजरायल ही बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। इन तीनों ने ही दवा बनाने की पुष्टि की है और इंसानों पर इसका ट्रायल जारी है। लेकिन इस बीच कुछ जगहों से जो खबरें आ रही हैं वो वैज्ञानिकों को थोड़ा डरा रही हैं। दरअसल, कुछ जगहों पर ये बात सामने आई है कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों के शरीर पर ये वायरस दोबारा हमला कर उन्‍हें वापस मरीज बना रहा है।

loksabha election banner

डाक्‍टरों की राय में ऐसा इसलिए हो रहा है क्‍योंकि उन व्‍यक्तियों के शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण नहीं हो रहा है। इसलिए ही वो लोग वायरस की चपेट में ठीक होने के बाद भी आ रहे हैं। कई देशों में जांच में यह बात सामने आ रही है कि कोरोना मरीजों में उपचार के बाद फिर संक्रमण का खतरा बरकरार है। दरअसल, शरीर में बनने वाली एंटीबॉडीज ही हमारे शरीर को प्रतिरोधक किसी वायरस से लड़ने में सक्षम बनाती हैं। चीन के चीन के फुदान यूनिवर्सिटी के अस्पताल में स्वस्थ हो चुके 130 मरीजों में एंटीबॉडीज की जांच के दौरान दस मरीजों के शरीर में एंटीबॉडीज नहीं मिले। सबसे खतरनाक बात ये भी है कि इनमें दस में से नौ की उम्र 40 साल से नीचे थी। इनके अलावा जिन 30 फीसद व्‍यक्तियों में ये मिले तो इनकी मात्रा बेहद कम थी। ये दोनों ही अवस्‍था किसी भी व्‍यक्ति के लिए ठीक नहीं हैं।

दरअसल, शरीर को स्‍वस्‍थ रखने में एंटीबॉडीज की भूमिका काफी अहम होती है। ये किसी भी बीमारी का प्रभाव कम करने और उसको खत्‍म करने का काम करती है। इनके बनने की शुरुआत एंटीजन के शरीर में प्रवेश के बाद होती है। एंटीबॉडीज शरीर में मौजूद व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स या बी लिंफोसाइट्स के जरिए बनती हैं। एंटीजन बी सेल्‍स इनके निर्माण में आफी अहम भूमिका निभाते हैं।

इस तरह के मरीज केवल चीन में ही सामने नहीं आए हैं बल्कि दक्षिण कोरिया में भी ठीक हो चुके मरीजों में 91 लोग दोबारा कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। आपको बता दें कि चीन के बाद दक्षिण कोरिया में ही इसका सबसे अधिक प्रभाव देखा गया था। यहां पर ये वायरस एक संक्रमित महिला के वुहान से लौटने पर आया था। इस महिला के एक चर्च की प्रार्थना सभा में भाग लेने के बाद इसके मरीजों की संख्‍या में काफी तेजी हुई थी। लेकिन समय रहते सरकार ने इस पर काबू पा लिया। यॉनहॉप एजेंसी के मुताबिक यहां के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक जियोंग ईयून-कियोंग ने यह आशंका जताई कि वायरस दोबारा सक्रिय हो सकता है। इसके अलावा जापान में 70 साल के व्यक्ति के ठीक होने के कुछ दिन बाद दोबारा कोरोना पॉजीटिव पाया गया है।

ये भी पढ़ें:-

COVID-19: जानें क्‍या होता है रेड, ग्रीन और ओरेंज जोन, कोरोना से लड़ाई में बना चक्रव्‍यूह

Lockdown के पक्ष में है लांसेट की रिपोर्ट, हटने की आशंका से डब्‍ल्‍यूएचओ भी है परेशान 

'जो देश एटम बम बना सकता है वो पाकिस्‍तान वेंटिलेटर भी बना सकता है', जानें Twitter पर इसका जवाब 
हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर रोक लगाने के बाद क्‍या पाकिस्‍तान कोविड-19 मरीजों पर करेगा इसका इस्‍तेमाल? 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.