Asian Games: सुनील ने 13 वर्ष बाद ग्रीको रोमन में दिलाया पदक, किर्गिस्तान के खिलाड़ी को हराकर जीता कांस्य
पहलवान सुनील कुमार ने 87 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर बुधवार को भारत को एशियाई खेलों में 13 साल बाद ग्रीको रोमन में पहला पदक दिलाया। भारत के अन्य दावेदार ज्ञानेंद्र (60 किग्रा) नीरज (67 किग्रा) और विकास (77 किग्रा) एक दौर का मुकाबला भी नहीं जीत पाए। भारत ने 2010 में गुआंगझो एशियाई खेलों में ग्रीको रोमन में दो पदक जीते थे।

हांगझू, पीटीआई। सुनील कुमार ने 87 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर बुधवार को भारत को एशियाई खेलों में 13 साल बाद ग्रीको रोमन में पहला पदक दिलाया, लेकिन देश के अन्य पहलवान शुरू में ही बाहर हो गए। किर्गिस्तान के अताबेक अजीसबेकोव के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में सुनील कुमार ने रणनीतिक रवैया अपनाया तथा अपने प्रतिद्वंदी को अंक नहीं बनाने दिए।
उन्होंने आखिर में यह मुकाबला 2-1 से जीता। भारत के अन्य दावेदार ज्ञानेंद्र (60 किग्रा), नीरज (67 किग्रा) और विकास (77 किग्रा) एक दौर का मुकाबला भी नहीं जीत पाए। भारत ने 2010 में गुआंगझो एशियाई खेलों में ग्रीको रोमन में दो पदक जीते थे। तब रविंदर सिंह (60 किग्रा) और सुनील कुमार राणा (66 किग्रा) ने कांस्य पदक जीता था।
दीपिका-हरिंदर फाइनल में, अनाहत-अभय को कांस्य
दीपिका पल्लीकल और हरिंदर पाल सिंह संधू की स्क्वाश मिक्स्ड डबल्स के सेमीफाइनल में बुधवार को यहां पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हांगकांग की जोड़ी को हराकर फाइनल में जगह बनाई। भारतीय जोड़ी ने ली का यी और वोंग ची हिम की हांगकांग की जोड़ी को सेमीफाइनल में 2-1 (7-11 11-7 11-9) से शिकस्त दी। इसके साथ ही भारत का कम से कम रजत पक्का हो गया है।
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वहीं, अनाहत सिंह और अभय सिंह की जोड़ी को सेमीफाइनल में मलेशिया की जोड़ी के खिलाफ 1-2 (11-8, 2-11, 9-11 ) से शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। पुरुष सिंगल्स में सौरव घोषाल ने भी फाइनल में जगह बना ली है।
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