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    'आग कभी खत्म नहीं हुई थी', विनेश फोगाट ने संन्यास से वापसी का किया एलान, ओलंपिक पदक पर नजरें

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 01:48 PM (IST)

    पेरिस ओलंपिक-2024 में पदक से चूकने के बाद संन्यास का एलान करने वाली भारत की विनेश फोगाट ने अपना फैसला बदल दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान जार ...और पढ़ें

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक-2024 में पदक पक्का करने के बाद भी चूकने वाली भारत की दिग्गज महिला पहलवान विनेश फोगाट ने बड़ा फैसला किया है। विनेश ने शुक्रवार को संन्यास से वापसी का एलान किया है। पेरिस ओलंपिक में जो हुआ था उसके बाद विनेश ने कुश्ती को अलविदा कह दिया था। अब उनका मानना है कि उनके अंदर आग कभी खत्म नहीं हुई थी और बीते एक साल में उन्हें सच्चाई का पता चला कि कुश्ती उनका पहला प्यार है।

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    विनेश ने पेरिस ओलंपिक-2024 में महिलाओं के 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में कदम रखा था। इसी के साथ उन्होंने देश के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का कर दिया था। लेकिन फाइनल से पहले जब वेट-इन हुआ तो विनेश का वजन तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और उन्हें डिस्क्वलीफाई कर दिया गया था। इस पर काफी विवाद हुआ था।

    'मुझे सच का पता चला'

    विनेश ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर लिखा, "लोग मुझसे पूछते रहते थे कि पेरिस अंत था। लंबे समय तक मेरे पास इस बात का जवाब नहीं था। मुझे मैट से, उम्मीदों, दबाव और अपनी खुद की महत्वकांक्षा से दूर रहना था। सालों में पहली बार मैंने अपने आप को मौका दिया।"

    उन्होंने कहा, "मुझे ये समझना में समय लगा कि मेरे सफर का, दुख का, बलिदान और मेरा वो रूप जो विश्व ने कभी देखा नहीं था उसका वजन ज्यादा था। इस रिफ्लैक्शन में कहीं न कहीं मुझे सच का पता चला कि मैं अभी भी इस खेल को प्यार करती हूं। मैं अभी भी लड़ना चाहती हूं।"

    लॉस एंजिल्स ओलंपिक पर नजरें

    उन्होंने आगे लिखा, "इस चुप्पी में, मुझे वो मिला जो मैं भूल गई थी, आग कभी खत्म नहीं हुई थी। ये सिर्फ थकान और आवुाज के बीच में कहीं दब गई थी। वो अनुशासन, वो रूटीन और वो लड़ाई... ये मेरे सिस्टम में है। मैं चाहे जितनी भी दूर चली गई थी, लेकिन मेरा एक हिस्सा मैट पर ही था। इसलिए में यहां आ गई हूं, एलए28 की तरफ कदम बढ़ाते हुए उस दिल के साथ जो डरता नहीं है और उस भावना के साथ जो झुकने को मना करती है।"

    विनेश ने इस दौरान राजनीति में कदम रखा था और जुलाना से चुनाव लड़ा था। वह जीतने में भी सफल रही थीं।

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