Special Olympics: कैंसर से पीड़ित है मां, बहन की नहीं हो रही शादी; दर्द भरी है अभिजीत की कहानी
Special Olympics केरल के रहने वाले अभिजीत परिवार का खर्च चलाने के लिए मेहनत मजदूरी करते हैं। दिन में एक घंटे स्केटिंग का अभ्यास करते हैं। पिता का जीवन शराब की लत ने बर्बाद कर दिया है। मां के कैंसर का इलाज चल रहा है।

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। खेल ने अभिजीत (Abhijith) को एक ऐसे स्थान पर पहुंचाया है, जहां वह सपने देखने का साहस कर सकते हैं। वह पैसे कमाना चाहते हैं ताकि उसकी मां का कैंसर ठीक हो जाए। वह अभ्यास करना चाहते हैं और खेलना चाहते हैं ताकि, अगर कोई पुरस्कार राशि मिले तो वह अपनी बहन की शादी करा सकें। अभिजीत अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार की देखभाल करना चाहते हैं। क्योंकि उनके पिता का जीवन शराब की लत ने बर्बाद कर दिया है।
ये कहानी है, केरल से 80-90 किलोमीटर दूर थिसुर में रहने वाले 22 साल के अभिजीत की। अभिजीत स्पेशल ओलंपिक बर्लिन (Special Olympics World Summer Games 2023) में स्केटिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेगें। आज अभिजीत जिस मुकाम पर पहुंचे हैं। यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा है और अभी भी जारी है। दरअसल, अभिजीत बौद्धिक अक्षमता के चलते स्कूल के दौरान गलत लड़कों की संगत में आए थे।
बच्चे डरा-धमकाकर करवाते थे चोरी
स्कूल के बच्चे अभिजीत को डरा-धमका के चोरी करवाते थे। पुलिस ने उनसे कई बार पूछताछ भी की। जिंदगी ने करवट ली और 9 साल पहले उन्हें प्रतीक्षा प्रशिक्षण केंद्र लाया गया। यहां उन्हें सिस्टर पॉल्सी की देखरेख में रखा गया है। केंद्र में प्रवेश मिलने से उनके जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ। 30 से अधिक सालों से विशेष ओलंपिक से जुड़ी हुई सिस्टर पॉल्सी ने अभिजीत की खेलों के प्रति रुचि पैदा करने में मदद की।
अभिजीत फुटबॉल और रोलर स्केटिंग में भाग लेते हैं। उन्हें डांस करना भी बहुत पसंद है। केंद्र के छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जो वर्षों से विकसित केंद्र के नेटवर्क के माध्यम से उन्हें आजीविका कमाने में मदद करता है। एक नारियल तेल का कारखाना है जो केंद्र के छात्रों को पैकेजिंग के माध्यम से कमाई करने का अवसर प्रदान करता है।
मजदूरी कर चलाते हैं घर का खर्च
अभिजीत अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कमाने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ते। चाहे उन्हें कम पैसे ही क्यों न मिल रहा हो। वह रेस्तरां में टेबल लगाने और शादी समारोहों आदि के दौरान भोजन परोसने का काम करते हैं। कैंसर से पीड़ित अभिजीत की मां का सरकारी अस्पताल में इलाज हो रहा है। घर से अस्पताल तक आने जाने का खर्च भी उठाते हैं।
दिन में एक घंटे करते हैं प्रैक्टिस
यह सब करते हुए अभिजीत का ध्यान स्केट्स पर अभ्यास करने से नहीं हटता। वह कॉलेज से आने वाले कोच शाजी की साप्ताहिक देखरेख में पांच दिन लगभग एक घंटे के लिए अभ्यास करते हैं। सिस्टर पॉल्सी ने बताया, "अभिजीत ने स्केटिंग में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। उनके संतुलन और शरीर की गति में सुधार हुआ है। उसे विश्वास है कि वह प्रतिस्पर्धा कर सकता है। वह, दूसरों की तरह, खेल का आनंद लेता है। वे क्राइस्ट कॉलेज के छात्रों के साथ भी खेलने के लिए उत्सुक हैं। कई तरह के खेल हैं जो वे एक साथ खेलते हैं, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, हैंडबॉल आदि।"

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।