Preethi Pal: उत्तर प्रदेश की बेटी ने पेरिस में लहराया भारत का तिरंगा, मौत को मात देकर एथलीट बनने की है प्रेरणादायी कहानी
Preethi Pal 23 साल की प्रीति पाल ने महिलाओं की टी35 100 मीटर रेस में भारत को ब्रॉन्ज मेडल जिताकर इतिहास रच दिया। प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक्स में अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 14.21 सेकंड समय में रेस पूरी की। 23 साल की प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक्स में पैरा-एथलेटिक्स में भारत को पहला मेडल दिलाया। भारत ने पैरालंपिक्स ट्रैक इतिहास में पहला मेडल जीता।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। Preethi Pal Bronze Medal: भारत की प्रीति पाल ने महिला T35 100 मीटर इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। पहली बार पैरालंपिक इतिहास के खेलों में भारत ने मेडल जीता है और यह मेडल प्रीति पाल ने देश को दिलाया। पेरिस पैरालंपिक्स 2024 में प्रीति ने अपने निजी सर्वश्रेष्ठ समय 14.21 सेकंड में रेस पूरी की।
23 साल की प्रीति पाल का ब्रॉन्ज पेरिस पैरालंपिक्स में पैरा-एथलेटिक्स में भारत का पहला मेडल है। वहीं, चीन की झू जिया (13.58) और गुओ कियानकियान (13.74) ने क्रमश: गोल्ड व सिल्वर मेडल जीते।
Preethi Pal: यूपी के किसान की बेटी ने पैरालंपिक में भारत को जिताया ब्रॉन्ज
दरअसल, प्रीति पाल का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। जन्म के 6 दिन बाद ही उनके शरीर के निचले हिस्से को प्लास्टर में बांधना पड़ा। कमजोर पैर और असामान्य पैर की स्थिति के कारण उन्हें कई बीमारियों का खतरा था। उनकी स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने पारंपरिक इलाज कराए।
पांच साल की उम्र में उन्होंने कैलिपर पहनना शुरू किया और 8 सालों तक उसका इस्तेमाल किया। कई लोगों ने यह तक कहा था कि उनका जिंदा रहना मुश्किल है, लेकिन प्रीति ने संघर्ष और साहस के साथ मौत की जंग को लड़कर एक सच्चे फाइटर की मिसाल पेश की।
17साल की उम्र में पैरालंपिक खेलों के प्रति बढ़ी प्रीति की रुचि
17 साल की उम्र में प्रीति का नजरिया तब बदला जब उन्होंने सोशल मीडिया पर पैरालंपिक खेलों को देखा। इससे प्रीति इतना प्रेरित हुईं कि उन्होंने अपने सपनों की ओर बढ़ने का फैसला लिया। प्रीति ने फिर लगातार अभ्यास किया और आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की जिद्द ठानी।
उनकी जिदंगी तब बदली जब उन्होंने पैरालंपिक एथलीट फातिमा खातून से मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें पैरा-एथलेटिक्स के प्रति उन्हें गाइड किया।
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फातिमा की मदद से प्रीति ने साल 2018 में स्टेट पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा की और कई राष्ट्रीय आयोजनों में हिस्सा लिया। उन्हें अपनी मेहनत का फल तब मिला जब उन्होंने एशियन पैरा गेम्स 2022 में 100 मीटर और 200 मीटर स्प्रिंट्स में चौथा स्थान हासिल किया था।
हालांकि एशियन पैरा गेम्स में उनके हाथों पदक नहीं लगा, लेकिन इसके बावजूद प्रीति ने हिम्मत नहीं हारी और पैरालंपिक खेलों की तरफ पूरा फोकस किया। दिल्ली में कोच गजेंद्र सिंह के साथ उन्होंने प्रशिक्षण की शुरुआत की और अपनी दौड़ की तकनीक में सुधार किया। उनकी समर्पण और मेहनत ने उन्हें वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 के लिए सेलेक्ट होने में मदद की, जहां उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर इवेंट्स में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।
उपलब्धियां:-
- वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2024) - 02 कांस्य पदक
- एशियन पैरा गेम्स 2022 (2023) - चौथा स्थान
- भारतीय ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप (2024) - 02 स्वर्ण पदक
- राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2024) - 02 स्वर्ण पदक
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