कोई नहीं है टक्कर में! Neeraj Chopra ने PAK खिलाड़ी को हराकर विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता पहला गोल्ड
अगस्त का महीना भारत के लिए बेहद ही खास और सफलतापूर्वक रहा है। फिर चाहे बात चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग की हो या फिर नीरज चोपड़ा के विश्व में तिरंगा फहराने की हो। पूरे देश को इस वक्त गर्व महसूस हो रहा है। बता दें कि रविवार को हरियाणा के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत लिया है।
नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। अगस्त का महीना भारत के लिए बेहद ही खास और सफलतापूर्वक रहा है। फिर चाहे बात चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग की हो या फिर नीरज चोपड़ा के विश्व में तिरंगा फहराने की हो।
पूरे देश को इस वक्त गर्व महसूस हो रहा है। हर शख्स की जुबां से भारत माता की जय के नारे ही निकल रहे है। बता दें कि रविवार को हरियाणा के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने इतिहास रच दिया है।
नीरज ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है। 120 साल के ओलंपिक में भारत की झोली में पहली बार स्वर्ण पदक आया है। इस ऐतिहासिक जीत का जश्न भी काफी धूम-धाम से मनाया जा रहा है।
Neeraj Chopra: पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम को हराकर नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास
दरअसल, गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra Gold Medal) अब विश्व चैंपियन बन चुके हैं। बुडापेस्ट में रविवार रात को उन्होंने 88.17 मीटर दूर भाला फेंककर इतिहास रच दिया। 25 साल की उम्र में नीरज ने कई ऐसी उपलब्धियों को छू लिया है जिनकी वजह से उन्हें भविष्य में किताबों में पढ़ा जाएगा।
बता दें विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप (World Athletics Championship) के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने फाउल थ्रो के साथ शुरुआत की थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी और दूसरे प्रयास में 88.17 मीटर दूर भागा फेंका और ऐतिहासिक जीत हासिल की।
पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87.82 मीटर दूर भागा फेंका जो कि उनका तीसरा प्रयास रहा। ये उनके सीजन का बेस्ट स्कोर भी रहा। इस तरह नीरज चोपड़ा ने अरशद को पछाड़ते हुए ये जीत हासिल की।
पहली बार तीन भारतीय शीर्ष 8 में रहे
बता दें कि तीन भारतीय शीर्ष आठ में रहे। किशोर जेना (84.77 मीटर) और डीपी मनु (84.14 मीटर) क्रमशः पांचवें और छठे स्थान पर रहे। इससे पहले कभी भी विश्व चैंपियनशिप में तीन भारतीय किसी स्पर्धा के शीर्ष आठ में नहीं रहे थे।