World Boxing Championship: 12 साल बाद खाली हाथ लौटेंगे मेंस मुक्केबाज, लड़कियों ने गाड़े झंडे
मीनाक्षी हुड्डा ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करके भारत के लिए शुक्रवार को चौथा पदक पक्का कर दिया जबकि जादूमणि सिंह मंदेंगबाम के क्वार्टर फाइनल में हारने से मेंस मुक्केबाज 12 साल में पहली बार खाली हाथ लौंटेंगे। चार महिला मुक्केबाजों ने पदक पक्के कर दिए हैं।

लिवरपूल, प्रेट्र। मीनाक्षी हुड्डा ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करके भारत के लिए शुक्रवार को चौथा पदक पक्का कर दिया, जबकि जादूमणि सिंह मंदेंगबाम के क्वार्टर फाइनल में हारने से मेंस मुक्केबाज 12 साल में पहली बार खाली हाथ लौंटेंगे।
गैर ओलंपिक 48 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही लंबी कद-काठी की मीनाक्षी ने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड की अंडर-19 विश्व चैंपियन एलिस पंफ्री को सर्वसम्मत फैसले में हराया। मीनाक्षी ने अपनी लम्बीं पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अपनी प्रतिद्वंदी पर करारे मुक्के से लगातार दबाव डाला।
मीनाक्षी ने पक्का किया कांस्य
उन्होंने पंफ्री को अपने पास पहुंचने का मौका ही नहीं दिया। इस जीत के साथ ही मीनाक्षी ने कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया और अब सेमीफाइनल में उनका सामना 2023 की रजत पदक विजेता मंगोलिया की लुत्सैखानी अल्तांत्सेत्सेग से होगा।
वह जैस्मिन लम्बोरिया (57 किग्रा), पूजा रानी (80 किग्रा) नुपूर (80 से अधिक किग्रा) के साथ सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए पदक पक्का करने वाली मुक्केबाजों में शामिल हो गई।
पुरुष खिलाड़ियों
वहीं, जादूमणि सिंह ने मेंस के 50 किग्रा वर्ग के क्वार्टरफाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन कजाखस्तान के संझार ताशकेनबे को कड़ी टक्कर दी लेकिन 0-4 के विभाजित फैसले से हारकर बाहर हो गए।
उनके बाहर होने के साथ भारत की 10 सदस्यीय मेंस टीम 2013 के चरण के बाद पहली बार बिना पदक के लौटेगी, जबकि 2023 में ताशकंद में दल का प्रदर्शन शानदार रहा था जिसमें दीपक भोरिया (51 किग्रा), मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने देश को तीन कांस्य पदक दिलाए थे।
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