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    WFI Controversy: दिग्‍गज मुक्‍केबाज एमसी मैरीकॉम 5 सदस्‍यीय सरकारी पैनल का नेतृत्‍व करेंगी

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Nigam
    Updated: Mon, 23 Jan 2023 04:43 PM (IST)

    MC Mary Kom दिग्‍गज महिला मुक्‍केबाज एमसी मैरीकॉम 5 सदस्यीय निरीक्षण समिति का नेतृत्व करेंगी जो भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के दिन-प्रतिदिन के मामलों की देखरेख करेगी। भारत के शीर्ष पहलवानों के विरोध के बाद सरकार को यह कदम उठाना पड़ा।

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    एमसी मैरीकॉम को‍ निगरानी समिति का अध्‍यक्ष बनाया गया

    नई दिल्‍ली, स्‍पोर्ट्स डेस्‍क। भारत की महान महिला मुक्‍केबाज एमसी मैरीकॉम 5 सदस्‍यीय सरकारी पैनल का नेतृत्‍व करेंगी, जो भारतीय कुश्‍ती महासंघ के दिन प्रतिदिन मामलों पर ध्‍यान रखेगी। मेरीकॉम की अध्‍यक्षता वाली समिति भारत के शीर्ष पहलवानों द्वारा डब्‍ल्‍यूएफआई अध्‍यक्ष बृजभूषण सिंह पर लगाए यौन उत्‍पीड़न के आरोपों की जांच भी करेगी।

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    खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'निगरानी समिति आज गठित की गई है। मैरीकॉम निगरानी समिति की अध्‍यक्षता करेंगी। आगामी महीने में समिति पहलवानों द्वारा लगाए आरोपों की जांच करेगी।' पिछले सप्‍ताह भारत के शीर्ष पहलवान दिल्‍ली में जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया।

    विरोध की अध्‍यक्षता ओलंपिक मेडलिस्‍ट बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने की, जिसमें कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स की गोल्‍ड मेडलिस्‍ट विनेश फोगाट भी शामिल थीं। भारतीय कुश्‍ती महासंघ में बड़ी गलतियों पर प्रकाश डालते हुए पहलवानों ने आरोप लगाया था कि संघ अध्‍यक्ष बृजभूष सिंह महिला पहलवानों के साथ यौन उत्‍पीड़न करते हैं। खेल मंत्रालय ने जांच पूरी होने तक भारतीय कुश्‍ती महासंघ से सभी गतिविधियां निलंबित करने का आग्रह किया, जिसके चलते कई टूर्नामेंट्स रद्द हुए।

    भारतीय कुश्‍ती महासंघ ने जवाब में सभी आरोपों को खारित किया और दावा किया कि इसमें निहित स्‍वार्थ शामिल था। डब्‍ल्‍यूएफआई ने कहा, 'प्रदर्शनकारियों/पहलवानों द्वारा धरने और प्रेस कांफ्रेंस में बैठ कर अपने आरोप को हवा देने का तरीका निश्चित रूप से निहित स्वार्थ के लिए कुछ कमजोर पहलवानों पर दबाव डालकर या अपने लिए जमीन हासिल करने के लिए निहित स्वार्थों के गहरे और बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है। डब्ल्यूएफआई या उसके अध्यक्ष या कोच के प्रबंधन को बदनाम करना है और कुछ नहीं है।'

    इसमें आगे कहा गया, 'यौन उत्‍पीड़न का एक भी आरोप स्‍वीकार नहीं है। डब्‍ल्‍यूएफआई को कभी भी नोटिस या शिकायत या फिर यौन उत्‍पीड़न की रिपोर्ट नहीं मिली है। इसलिए इस प्रभाव में आरोप बेबुनियाद है। यह मौजूदा प्रबंधन की छवि बिगाड़ने का तरीका है।'

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