Manu Bhaker ने खेल रत्न पर चल रहे विवाद पर तोड़ी चुप्पी, लंबा पोस्ट शेयर कर पेश की देशभक्ति की सच्ची मिसाल
भारतीय शूटर मनु भाकर (Manu Bhaker) ने खेल रत्न को लेकर चल रहे विवाद पर चुप्पी तोड़ी हैं। हाल ही में सामने आई खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन लिस्ट में पेरिस ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु का नाम नहीं शामिल था जिससे उनके पिता काफी नाराज नजर आए। उन्होंने ये बयान दिया कि उन्हें अपनी बेटी को शूटर नहीं बल्कि क्रिकेटर बनाना चाहिए था।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शूटर मनु भाकर (Manu Bhaker) ने खेल रत्न को लेकर चल रहे विवाद पर चुप्पी तोड़ी हैं। हाल ही में सामने आई खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन लिस्ट में पेरिस ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली मनु का नाम नहीं शामिल था, जिससे उनके पिता काफी नाराज नजर आए। उन्होंने ये बयान दिया कि उन्हें अपनी बेटी को शूटर नहीं, बल्कि क्रिकेटर बनाना चाहिए था।
इसके बाद मनु भाकर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर हर किसी की बोलती बंद की और सच्ची देशभक्ति की मिसाल भी पेश की। मनु ने कहा कि मेरे लिए अवॉर्ड से ज्यादा देश के लिए मेडल जीतना पहला लक्ष्य है। उन्होंने आगे कहा कि अवॉर्ड मोटिवेशन हो सकता है, लेकिन उनका गोल नहीं।
Manu Bhaker ने लंबा पोस्ट शेयर कर Khel Ratna Nomination Snub पर तोड़ी चुप्पी
दरअसल, भारतीय निशानेबाज मनु भाकर (Manu Bhaker) ने प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नामांकन से बाहर किए जाने से जुड़े विवाद पर अपनी बात रखी। पेरिस ओलंपिक पदक विजेता ने एक बयान में अपना रुख स्पष्ट करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पुरस्कार मोटिवेशन के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन वे उनका आखिरी लक्ष्य नहीं हैं।
भाकर ने कहा,
"एक एथलीट के तौर पर मेरी भूमिका अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है।"
उन्होंने आगे कहा कि पुरस्कार उन्हें प्रेरित करते हैं, लेकिन उनका गोल देश के लिए पदक जीतना है। भाकर ने नामांकन प्रक्रिया में संभावित चूक को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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खेल रत्न अवॉर्ड को लेकर चल रहे विवाद के बावजूद, भाकर अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कार चाहे जो भी हो, मैं अपने देश के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए प्रेरित रहूंगी। उन्होंने लोगों से इस मामले में अटकलें लगाने से बचने का आग्रह किया।
Manu Bhaker को खेल रत्न के लिए नॉमिनेट नहीं किए जाने पर पिता का फूटा गुस्सा
बताते चले कि खेल मंत्रालय ने कथित तौर पर कहा था कि भाकर ने खेल रत्न अवॉर्ड के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन उनके पिता राम किशन ने इस दावे का विरोध करते हुए कहा कि नामांकन प्रस्तुत किया गया था और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
मनु भाकर के पिता राम किशन ने इंडिया टुडे से बातचीत में ये भी कहा कि अगर आपको पुरस्कारों के लिए भीख मांगनी पड़े तो एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने का क्या मतलब है? एक सरकारी अधिकारी निर्णय ले रहा है, और समिति के सदस्य चुप हैं, अपनी राय नहीं दे रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता। क्या आप इस तरह से एथलीटों को प्रोत्साहित कर रहे हैं? हमने पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन समिति से कोई जवाब नहीं मिला। माता-पिता अपने बच्चों को खेलने के लिए क्यों प्रोत्साहित कर रहे हैं? उन्हें उन्हें सरकार में आईआरएस अधिकारी बनने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
मनु भाकर के पिता ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में ये भी कहा कि मुझे उसे शूटर बनाने पर पछतावा हो रहा है। शूटर नहीं, मुझे मनु को क्रिकेटर बनाना चाहिए था। तब उसे सारे अवॉर्ड मिलते, जिसकी वह हकदार हैं। उसने दो ओलंपिक मेडल एक एडिशन में जीते, जो आजतक कोई नहीं कर सका। आप और क्या चाहते हैं मेरी बेटी से जो उसे अवॉर्ड मिले। सरकार को उसकी कामयाबी के लिए उसे सम्मान देना चाहिए।
— Manu Bhaker🇮🇳 (@realmanubhaker) December 24, 2024
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