खेल रत्न अवॉर्ड की लिस्ट में Manu Bhaker का नाम क्यों नहीं? खेल मंत्रालय बताया असली कारण
पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर की इस वर्ष मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा किए जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं। एक सप्ताह में पुरस्कारों का रहस्योद्घाटन होने पर उनका नाम सूची में होगा। हालांकि मनु के पिता ने उनका नाम नहीं होने की खबरों को लेकर निराशा जताई।
नई दिल्ली, जेएनएन : पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली मनु भाकर की इस वर्ष मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए उपेक्षा किए जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय के एक शीर्ष सूत्र ने कहा है कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का रहस्योद्घाटन होने पर उनका नाम सूची में होगा।
पिता ने जताई निराशा
हालांकि, मनु के पिता ने उनका नाम नहीं होने की खबरों को लेकर निराशा जताई है। अगस्त में हुए पेरिस ओलंपिक में मनु एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाली आजाद भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं जब उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिक्स्ड टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई
मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, 'अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेल मंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर निर्णय लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।' मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है। चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है।
I was 14 when I started my journey in shooting. Never had I imagined I would reach this far. Once you start something, make sure you do everything possible to chase your dreams relentlessly, no matter how tough it gets. Stay focused, stay driven, and let your passion fuel your… pic.twitter.com/6Zn8mBuCF4
— Manu Bhaker🇮🇳 (@realmanubhaker) September 26, 2024
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मंत्रालय ने दावा किया कि मनु ने आवेदन नहीं किया है, लेकिन उनके पिता रामकिशन भाकर ने कहा, "बेटी को कोई नौकरी नहीं चाहिए थी, जो आवेदन करती। मनु की उपलब्धियां पूरे देश के सामने हैं। ऐसे में कमेटी को खुद ही नाम पर विचार करना चाहिए था।"
पिता ने जताई निराशा
मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर ने अनुशंसा में मनु का नाम नहीं होने को लेकर निराशा जताई है। उन्होंने कहा, "शायद खेल रत्न के लिए जो उनकी बेटी ने किया वह काफी नहीं था। मनु भी बहुत निराश है। बेटी ने कहा कि इससे अच्छा तो आइएएस और आइपीएस बन जाती।"
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