दीपिका, पार्थ ने तीरंदाजी विश्व कप में जीता कांस्य पदक, 7 मेडल के साथ खत्म हुआ भारत का अभियान
कंपाउंड तीरंदाजों ने इससे पहले शनिवार को दो स्वर्ण के साथ पांच पदक जीतकर दबदबा कायम किया था। इसमें तीन पदक में मधुरा धामनगंकर का योगदान रहा। उन्होंने व्यक्तिगत स्वर्ण के साथ महिला और मिक्स्ड टीम में पदक जीत कर तीन साल बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी का जश्न मनाया।

शंघाई, प्रेट्र। भारत की सबसे सफल तीरंदाज दीपिका कुमारी सेमीफाइनल में मिली हार के बाद शानदार वापसी करते हुए रविवार को तीरंदाजी विश्व कप चरण दो की रिकर्व स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर अपना सम्मान बचाने में सफल रही, जबकि पार्थ सालुंखे ने पहली बार पोडियम पर जगह बनाई। भारत का अभियान इस तरह से सात पदकों के साथ खत्म हुआ।
कंपाउंड तीरंदाजों ने इससे पहले शनिवार को दो स्वर्ण के साथ पांच पदक जीतकर दबदबा कायम किया था। इसमें तीन पदक में मधुरा धामनगंकर का योगदान रहा। उन्होंने व्यक्तिगत स्वर्ण के साथ महिला और मिक्स्ड टीम में पदक जीत कर तीन साल बाद राष्ट्रीय टीम में वापसी का जश्न मनाया। दीपिका को अंतिम चार मैच में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी लिम सिहियोन ने महिला रिकर्व व्यक्तिगत मुकाबले में 7-1 के अंतर से हराया।
सेमीफाइनल में मिली हार
इस 21 साल की मौजूदा ओलंपिक चैंपियन ने पिछले साल येचियोन विश्व कप में भी भारतीय तीरंदाज को अंतिम चार में शिकस्त दी थी। हालांकि, भारत की 30 साल की तीरंदाज ने सेमीफाइनल की निराशा को पीछे छोड़ते हुए कांस्य पदक के मैच में कोरिया की एक अन्य खिलाड़ी कांग चेन योंग के खिलाफ 7-3 की जीत के साथ पोडियम पर अपनी जगह पक्की की। दीपिका ने सेमीफाइनल में हार का सामना करने के बाद कांस्य पदक के मैच में अधिक धैर्य और रणनीतिक स्पष्टता दिखाई।
दूसरे सेट में की वापसी
पहला सेट 27-27 से बराबरी पर समाप्त हुआ, लेकिन दीपिका ने दूसरे सेट में 28 अंक बनाकर 3-1 की बढ़त बना ली। पूर्व विश्व चैंपियन कांग ने वापसी करते हुए दीपिका के 27 के मुकाबले 30 अंक के साथ स्कोर को 3-3 से बराबर कर दिया। चार बार ओलंपिक खेल चुकी दीपिका ने अनुभव का शानदार इस्तेमाल करते हुए तीनों निशाना 10 अंक पर साध कर 5-3 की बढ़त कायम की। उन्होंने इसके बाद कांग के 28 के मुकाबले 29 अंक जुटाते हुए अपनी जीत पक्की कर ली।
पुरषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में क्वालीफाइंग में 60वें स्थान पर रहने वाले पार्थ सालुंखे ने कांस्य पदक जीतकर देश का सातवां पदक पक्का किया। इस 21 साल के खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में कोरिया के दिग्गज किम वूजिन से हार के बाद शानदार वापसी करते हुए उच्च वरीयता प्राप्त फ्रांस के तीरंदाज बैपटिस्ट एडिस को पांच सेटों के रोमांचक मुकाबले में 6-4 से हराकर अपना पहला विश्व कप पदक जीता।
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