18 साल की पूजा ने गोल्ड जीतकर रचा इतिहास, 25 साल का सूखा किया खत्म; मेडल टैली में दूसरे स्थान पर पहुंचा भारत
26वें एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप टूर्नामेंट में भारत ने शुक्रवार को तीन और गोल्ड मेडल जीते। भारत कुल 18 मेडल के साथ मेडल टैली में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसमें 8 गोल्ड 7 सिल्वर मेडल और 3 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। चीन कुल 26 मेडल के साथ पहले स्थान पर मौजूद है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है। साउथ कोरिया के गुमी में आयोजित 26वें एशियाई टूर्नामेंट में भारत ने शुक्रवार को तीन और गोल्ड मेडल जीते। भारत कुल 18 मेडल के साथ मेडल टैली में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
उत्तर प्रदेश की रहने वाली गुलवीर सिंह ने 5000 मीटर लंबी दौड़ स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। फाइनल में गुलवीर ने 13:24.77 का समय लिया। थाईलैंड के कीरन टुनटिवेट ने 13:24.97 का समय लिया और वह दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, कतर के मोहम्मद अल-गरनी साल 2015 में बनाए गए 13:34.47 के पिछले चैंपियनशिप रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 10,000 मीटर स्पर्धा में भी गोल्ड मेडल जीता।
पूजा सिंह ने ऊंची कूद में जीता गोल्ड
हरियाणा के बोस्ती गांव की 18 वर्षीय पूजा सिंह ने 1.89 मीटर की व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ छलांग के साथ महिलाओं की ऊंची कूद में गोल्ड मेडल जीता। पूजा ने चैंपियनशिप में 25 साल का सूखा खत्म किया। उनकी जीत ने 2000 के बाद पहली बार एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इस स्पर्धा में किसी भारतीय महिला को स्वर्ण पदक दिलाया है।
नंदिनी अगासरा का भी उम्दा प्रदर्शन
तेलंगाना की नंदिनी अगासरा ने हेप्टाथलॉन में 5,941 अंकों के साथ गोल्ड मेडल जीता। आखिर के 800 मीटर स्पर्धा से पहले चीन की लियू जिंगयी से 54 अंकों से पीछे चल रही अगासरा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 2:15.54 का समय निकाला और 885 अंक अर्जित किए।
एशियाई एथलेटिक्स मेडल टैली-
रैंक | देश | गोल्ड | सिल्वर | ब्रॉन्ज |
1. | चीन | 15 | 8 | 3 |
2. | भारत | 8 | 7 | 3 |
3. | जापान | 4 | 10 | 10 |
4. | कजाख्तान | 2 | 0 | 3 |
5. | कतर | 2 | 0 | 1 |
6. | ईरान | 2 | 0 | 0 |
7. | साउथ कोरिया | 1 | 1 | 1 |
8. | थाईलैंड | 0 | 3 | 1 |
9. | उज्बेकिस्तान | 0 | 2 | 1 |
10. | चाइनीज ताइपे | 0 | 1 | 3 |
इसके चलते वह टॉप पर पहुंच गए। ये उपलब्धियां एशियाई एथलेटिक्स में भारत की बढ़ती प्रमुखता को दर्शाती हैं। एथलीट चुनौतियों पर काबू पा रहे हैं और महाद्वीपीय मंच पर नए मानक और कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
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