36 साल में पहली बार हुआ ऐसा, अविनाश साबले ने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल
अविनाश साबले ने एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। वह 36 साल बाद भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले धावक बने। हरबेल सिंह 1975 में मेंस की स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे। अब साबले ने इतिहास रच दिया है।

गुमी (दक्षिण कोरिया), प्रेट्र। राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक अविनाश साबले गुरुवार को सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले 36 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। साबले ने आठ मिनट 20.92 सेकंड (8:20.92 सेकंड) का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया।
यह एशियाई चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने 2019 में रजत पदक जीता था। भारत की तरफ से इससे पहले दीनाराम ने 1989 में इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। हरबेल सिंह 1975 में मेंस की स्टीपलचेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय थे।
जापान के धावक ने जीता सिल्वर
जापान के युतारो नीनाए ने 8:24.41 सेकंड के साथ रजत पदक जीता। वह अंतिम लैप की शुरुआत में आगे चल रहे थे, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने शानदार प्रयास करते हुए उन्हें पीछे छोड़ दिया और स्वर्ण पदक हासिल किया। कतर के जकारिया इलाहलामी ने 8:27.12 सेकंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता।
इससे पहले रिंस जोसेफ, धर्मवीर चौधरी, मनु थेक्किनालिल साजी और मोहित कुमार की भारत की चार गुणा 400 मीटर पुरुष रिले टीम ने फाइनल में प्रवेश किया। भारतीय चौकड़ी ने तीन मिनट 6.28 सेकेंड का अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपनी हीट (शुरुआती दौर की रेस) में शीर्ष स्थान हासिल किया।
हीट में भारत ने चीन (तीन मिनट 6.79 सेकेंड) और मेजबान कोरिया (तीन मिनट 10.05 सेकेंड) को पछाड़कर फाइनल के लिए सीधे क्वालीफाई किया। श्रीलंका ने सत्र का सबसे तेज तीन मिनट 1.56 सेकेंड का समय निकाला।
संजीवनी जाधव फाइनल में
महिलाओं की 10 हजार मीटर दौड़ के फाइनल में भारत की संजीवनी जाधव ने 33 मिनट 8.17 सेकेंड का अपना सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांचवां स्थान हासिल किया जबकि सीमा 33 मिनट 08.23 सेकेंड के समय से छठे स्थान पर रहीं।
इस स्पर्धा में कजाखस्तान की डेजी जेपकेमी (30 मिनट 48.44 सेकेंड) ने दबदबा बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। जापान की रिरिरक हिरोनिका (30 मिनट 56.32 सेकेंड) और मिकुनी याडा (31 मिनट 12.21 सेकेंड) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं।
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