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भारत को चैंपियन बनने के लिए इस बात का रखना होगा खास ख्‍याल, अशोक ध्‍यानचंद ने किया खुलासा

भारत में 13 जनवरी से एफआइएच हाकी वर्ल्‍ड कप की शुरुआत होगी। भारतीय हाकी टीम से उम्‍मीद है कि वो 47 साल का सूखा समाप्‍त करके खिताब जीतेगी भारत ने आखिरी बार 1975 में विश्‍व कप खिताब जीता था। अशोक ध्‍यानचंद ने प्रमुख बातें बताईं।

By AgencyEdited By: Abhishek NigamPublished: Tue, 10 Jan 2023 11:34 AM (IST)Updated: Tue, 10 Jan 2023 11:34 AM (IST)
भारत को चैंपियन बनने के लिए इस बात का रखना होगा खास ख्‍याल, अशोक ध्‍यानचंद ने किया खुलासा
अशोक ध्‍यानचंद ने भारत के चैंपियन बनने की कहानी बताई (फोटो साभार - ट्विटर)

जागरण संवाददाता, नई दिल्‍ली। ओडिशा में 13 जनवरी से शुरू होने वाले पुरुष एफआइएच हाकी विश्व कप में भारत की निगाहें दूसरी बार चैंपियन बनने पर होगी। भारत ने पहला हाकी विश्व कप खिताब 1975 में जीता था और इसके बाद टीम को ऐसी सफलता नहीं मिली। पिछले 47 वर्षों से यह टीम दूसरी बार ‌‌विश्व विजेता बनने का ख्वाब देख रही है। क्या भारत इस बार अपनी धरती पर चैंपियन बन पाएगा? इसके बारे में पूर्व हाकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद से दैनिक जागरण संवाददाता संजय सावर्ण ने बात की

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सवाल - इस हाकी विश्व कप में भारत से कितनी उम्मीदें हैं और क्या यह टीम 47 साल के सूखे को खत्म कर पाएगी?

अशोक ध्‍यानचंद - कोई भी टीम जब मैदान पर उतरती है तो वह विजेता बनना चाहती है। पिछले कुछ वर्षों में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और वो सराहनीय है। टीम के खिलाड़ियों में एक-दूसरे को सपोर्ट करने की भावना साफ तौर पर नजर आती है जो टीम को ऊंचाई तक ले जाने में सहायक सिद्ध होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे खिलाड़ियों में गजब की मारक क्षमता आई है। अब वो गेंद को छोड़ते नहीं और अगर गेंद छूट जाती है तो वो वापस जाते हैं कि गेंद को अपने कब्जे में लें और यह काफी अच्छी आदत मैं टीम के अंदर देख रहा हूं और इसका परिणाम ओडिशा में साफ तौर पर देखने को मिलेगा।

सवाल - भारत को इस बार टफ ग्रुप में रखा गया है जहां उसे इंग्लैंड, स्पेन और वेल्स जैसी टीमों के साथ खेलना है। क्या यह टीमें भारत को नुकसान पहुंचा सकती हैं?

अशोक ध्‍यानचंद - नहीं। इन टीमों से भारत को कोई नुकसान नहीं होगा। यहां पर भारत को शुरू से ही मैच जीतना होगा और अगर शुरुआत अच्छी रही तो भारत ग्रुप में बेहतर स्थिति में होगा। यह जरूर है कि मैच कठिन होंगे क्योंकि आज खेल नया है, तकनीक नई है, ग्राउंड नए हैं, लेकिन भारत के खिलाड़ियों को बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया गया है और उनको काफी अच्छा एक्सपोजर मिला हुआ है। टीम में स्कोरर हैं, डिफेंस हमारा बहुत अच्छा है। हरसिमरनजीत पेनल्टी स्ट्रोक को बेहतरीन तरीके से हैंडल करते हैं और हमारे फारवर्ड के खिलाड़ी भी गोल करने में सक्षम हैं। यह सारी चीजें भारतीय टीम को मजबूत बनाती है और मुझे उम्मीद है कि टीम बेहतर करेगी।

सवाल - इस बार फाइनल में किन-किन टीमों के पहुंचने की संभावना है और कौन विजेता बन सकता है?

अशोक ध्‍यानचंद - इस बार फाइनल में भारत, आस्ट्रेलिया, हालैंड और जर्मनी के पहुंचने की संभावना है। हालांकि मैं इंग्लैंड को भी इसका दावेदार मानता हूं। हाकी की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि आप किसी टीम के खिलाड़ी को बेस्ट नहीं कह सकते। कोई भी टीम यहां बेस्ट बन सकती है। भारत को मैं जीत का दावेदार मानता हूं, लेकिन इस टीम को हर एक मैच में अपनी मारक क्षमता दिखाते हुए बेस्ट प्रदर्शन करना होगा।

सवाल - हाल ही में आस्ट्रेलिया दौरे पर टीम को हार का सामना करना पड़ा था, आखिर कहां पर कमी रह गई थी?

अशोक ध्‍यानचंद - देखिए, आस्ट्रेलिया दुनिया की बेस्ट टीम है और वो बड़ी चुनौती पेश करते हैं। यहां पर हमारी टीम के खिलाड़ियों को हर एक मैच से सीखने की जरूरत है। अगर खिलाड़ी सभी मैचों के बाद अपनी समीक्षा करेंगे तो वो और बेहतर होते चले जाएंगे।

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