Bihar Diwas 2025: ओडिशा राजभवन में बिहार दिवस पर भीड़ का हिस्सा बने बिहारी, न मंच पर जगह मिली और न पहली पंक्ति में
ओडिशा में बिहार दिवस समारोह में बिहारी केवल भीड़ का हिस्सा बने। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में न तो बिहार के सामाजिक संगठनों को मंच पर जगह मिली और न ही पहली पंक्ति में बैठने का मौका। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी ओडिआ संस्कृति की झलक ही दिखी। बिहारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले विशिष्ट अतिथि भी नदारद रहे। राजभवन ने अंतिम क्षण में कुछ आमंत्रण भी वापस ले लिए।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। देश के अन्य राज्यों की तरह ओडिशा में भी बिहार दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया है। हालांकि, पहली बार लोगों को जोड़ने के लिए राजभवन में आयोजित बिहार दिवस समारोह में ओडिशा में रहने वाले बिहार के लोग भीड़ का हिस्सा बनकर रह गए, जिसकी चर्चा अब समाज के अंदर हो रही है।
मंच पर नहीं मिली जगह
- जानकारी के मुताबिक राजभवन में आयोजित समारोह में न तो ओडिशा में रहने वाले बिहार सामाजिक संगठन के किसी विशिष्ट व्यक्ति को मंच पर स्थान दिया गया और न ही मंच के सामने पहली पंक्ति में बैठने की जगह मिली।
- इतना ही नहीं समारोह में निर्धारित समय में पेश किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अन्य भाषाओं को शामिल करना पड़ा, क्योंकि बिहार पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने के लिए तैयारी की कमी थी।
समारोह में पेश किए सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी ओडिआ अस्मिता की ही झलक थी, जबकि कार्यक्रम बिहार दिवस का था। चर्चा है कि अव्यवस्थाओं के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन में आयोजक विफल रहे।
यह आयोजन पूरी तरह से बिहार के स्थापना दिवस को समर्पित था, लेकिन इसमें बिहार की संस्कृति की झलक नहीं दिखी।
मीडिया को राजभवन की तरफ से जारी किए गए फोटोग्राफ में मंच पर बिहार सरकार के मंत्री तो नजर आए, लेकिन कोई भी ओडिशा में बिहारी समाज को प्रतिनिधित्व करने वाला विशिष्ट अतिथि नहीं दिखा। इतना ही नहीं पहली पंक्ति में जिनको स्थान दिया गया है, वह वीवीआईपी श्रेणी के लोग हैं।
जबकि ओडिशा में बिहारी समुदाय से जुड़े संस्थान बिस्वास को राजभवन ने विशेष तौर पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। यह संगठन ओडिशा में बिहार के रहने वाले लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, इस संदर्भ पर राजभवन की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
अंतिम क्षण में राजभवन ने निमंत्रण वापस लिया
राजभवन में आयोजित बिहार दिवस के मौके पर आयोजित समारोह तक ही बिहार के लोगों की बेइज्जती सीमित नहीं रही, हद तो तब हो गई जब राजभवन ने अंतिम क्षण में अपना निमंत्रण पत्र भी वापस लेना शुरू कर दिया।
खबर है कि बिहारियो द्वारा संचालित भुवनेश्वर की रजिस्टर्ड संस्था हिंदी विकास मंच को 24 घंटे पहले सूचित किया गया कि आपका निमंत्रण वापस लिया जाएगा। कारण के तौर पर सुरक्षा का हवाला दिया गया।
यहां हजारों की संख्या में छठ व्रती के साथ जन प्रतिनिधि और सरकार के लोग भी आस्था का लाभ लेने पहुंचते हैं। हालांकि, इस संदर्भ में हिन्दी विकास मंच के किसी पदाधिकारी ने कुछ कहने से मना कर दिया है, लेकिन सदस्यों को बीच सवाल उठने लगा है कि यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिन्दी विकास मंच की तरफ से राजभवन को कैसे असुरक्षा महसूस हुई।
बिस्वास के साथ ग्रुप फोटोग्राफी का कार्यक्रम भी अंतिम क्षण में रद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल के साथ पूर्व निर्धारित सामूहिक फोटोग्राफी के कार्यक्रम को भी अंतिम क्षण में रद्द कर दिया गया। इससे पहली बार राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलने वाले बिहारी लोगों में मायूसी देखने को मिली है।
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