Odisha News: आखिर 6 साल से क्यों बंद है महाप्रभु जगन्नाथ का जन्म स्थल? गुंडिचा मंदिर को खोलने की मांग हुई तेज
भगवान जगन्नाथ का जन्मस्थान गुंडिचा मंदिर छह वर्षों से भक्तों के लिए बंद है। मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। मंदिर के सिंहद्वार के पास नया सूचना केंद्र बनाया जाएगा। वहां भक्तों को विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जाएगी और भगवान की विभिन्न पुस्तकें भक्तों को कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाएंगी। मंदिर के अंदर किचन को भी अपग्रेड किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ धाम में मौजूद भगवान जगन्नाथ का जन्म स्थल गुंडिचा मंदिर भक्तों के लिए लगभग छह वर्ष से बंद हैं। इसे लेकर अब सेवकों ने नाराजगी जाहिर की है। हालांकि, मंदिर प्रशासन ने कहा कि मंदिर के मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसलिए श्रद्धालुओं के प्रवेश को बंद किया गया है।
जिला कलेक्टर ने की विकास कार्यों की समीक्षा
मंदिर प्रशासन भगवान की जन्मस्थली गुंडिचा मंदिर का विकास कार्य कर रहा है। पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वांई जो मंदिर के उप मुख्य प्रशासक भी हैं ने सभी विकास कार्यों की समीक्षा की। जिला कलेक्टर ने स्वयं मंदिर का दौरा किया और कार्यों का जायजा लिया।
किचन को अपग्रेड करने का काम शुरू
जिला कलेक्टर ने कहा कि मंदिर के सिंहद्वार के पास नया सूचना केंद्र बनाया जाएगा। वहां भक्तों को विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जाएगी और भगवान की विभिन्न पुस्तकें भक्तों को कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाएंगी। मंदिर के अंदर किचन को अपग्रेड करने का काम भी शुरू हो गया है।
बड़ी रसोई बनाई जाएगी
मंदिर में महाप्रभु के प्रवास के दौरान रसोई के डिजाइन को बदल कर एक बड़ी रसोई बनाई जाएगी, क्योंकि आड़प अबढ़ा की तैयारी में विभिन्न समस्याएं पैदा हो रही हैं। इसे अपग्रेड भी किया जाएगा, क्योंकि आड़प अबढ़ा का उपभोग करने के लिए जगह नहीं है।
मंदिर में की जाएंगी ये व्यवस्थाएं
मंदिर के अंदर पेयजल व्यवस्था, विभिन्न सौंदर्यीकरण कार्य भी किए जाएंगे। मंदिर में भक्तों का प्रवेश 2020 की कोविड-19 महामारी के बाद से यानी लगभग छह साल से बंद है। मंदिर प्रशासन के अनुसार श्रीगुंडिचा मंदिर में विभिन्न विकास कार्यों के चलते श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है।

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