Holi 2025: 14 मार्च को जगन्नाथ मंदिर में मनाया जाएगा दोल उत्सव, भगवान के साथ भक्त खेलेंगे होली
होली उत्सव को लेकर राजधानी के बाजार गुजलार हैं। जगह-जगह पर रंग गुलाल और पिचकारी की दुकानें सजी हुई हैं। 13 मार्च को रात 11.26 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद होलिका दहन किया जाएगा। वहीं 14 मार्च को पुरी जगन्नाथ मंदिर में दोल उत्सव मनाया जाएगा इसे लेकर मंदिर में तैयारियां की जा रही हैं। ऐसा माना जाता है कि इस उत्सव में प्रभु भक्तों के साथ होली खेलेंगे।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। रंग-गुलाल के महापर्व होली उत्सव को लेकर एक तरफ जहां लोगों में उत्सव का माहौल है तो वहीं दूरी तरफ बाजारों में रंग-बिरंगे गुलाल, रंग एवं पिचकारी की दुकानें जगह-जगह सज गई हैं। जानकारी के मुताबिक होली उत्सव से पहले होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार रात 11:26 बजे से शुरू होगा और रंग एवं गुलाल की होली 14 मार्च शुक्रवार को सुबह से शुरू हो जाएगी।
होली के लिए सजी रंग-बिरंगी दुकानें
ऐसे में अभी से ही जगह जगह रंग, गुलाल एवं पिचकारी तथा रंग-बिरंगी टोपी की दुकानें सज गई हैं। खासकर रंग गुलाल के इस उत्सव में युवाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
होली के लिए सजी दुकानें।
वहीं, होली उत्सव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से व्यापक इंतजाम किए गए हैं। होली के दिन ही जुमे की नमाज होने से पुलिस प्रशासन की तरफ से कटक एवं भुवनेश्वर में व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
13 मार्च को होगा होलिका दहन
कहीं से भी किसी प्रकार की असुविधा न हो प्रशासन की तरफ से इसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई है। गौरतलब है कि इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर इसका समापन होगा।
11.26 बजे के बाद होगा होलिका दहन
चूंकि छोटी होली पर दिनभर भद्रा का साया रहेगा। इसलिए रात को 11.26 बजे भद्रा समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं दूसरी तरफ 14 मार्च को पुरी जगन्नाथ मंदिर में दोल उत्सव मनाया जाएगा।
जगन्नाथ मंदिर में मनाया जाएगा दोल उत्सव
जगन्नाथ मंदिर में मनाए जाने वाले दोल उत्सव में प्रभु भक्तों के साथ होली खेलेंगे, इसके लिए मंदिर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मंदिर में दोल उत्सव पारंपरिक रूप से मनाया जाता है। इस दिन, भगवान की चलंति प्रतिमा दोलगोविंद, भूदेवी, श्रीदेवी मणि, विमान में दोलवेदी को विजे करते हैं और भक्तों के साथ फागू और अवीर खेलते हैं।
जगन्नाथ मंदिर में मनाया जाएगा दोल उत्सव।
तैयारियों में जुटा मंदिर प्रशासन
कहा जाता है कि दोलवेदी में भगवान के दर्शन करने से बड़ा पुण्य मिलता है। इस संबंध में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन दोलवेदी को सजा रहा है। दोलवेदी पर छतरी लगाने के लिए लोहे के शेड लगाए गए हैं, जबकि दोलवेदी के आसपास की सफाई की जा रही है।
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