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    पुरी जगन्नाथ मंदिर में वर्ष 2023-24 में होने वाले कार्यक्रमों का विवरण, दर्शन करने जाने से पहले फरमाएं गौर

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Sat, 21 Jan 2023 11:33 AM (IST)

    अगर आप इस साल या अगले साल पुरी में स्थित विश्‍व विख्‍यात जगन्‍नाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए जाने का प्‍लान बना रहे हैं तो इससे पहले इस दौरान यहां आयोजित होने वाले उत्‍सवों व कार्यक्रमों की सूची पर अवश्‍य ही गौर फरमाए।

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    पुरी जगन्नाथ मंदिर में वर्ष 2023-24 में होने वाले त्योहारों और उत्सवों का विवरण

    जासं, भुवनेश्वर। पुरी जगन्नाथ मंदिर पांजी समन्वय बैठक में वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत श्रीमंदिर उत्सवों और यात्राओं की अंतिम सूची जारी कर दी गई है। इस सूची के अनुसार पवित्र अक्षय तृतीया 23 अप्रैल को है। इस दिन अनुकूल रथ के साथ रथयात्रा की शुरुआत होगी। इसी तरह प्रसिद्ध चंदन यात्रा भी इसी दिन से शुरू होगी। भौंरी यात्रा 12 मई को होगी, इसके बाद स्नान यात्रा और 4 जून को स्नान एवं गजानन वेश किया जाएगा। विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा 20 जून को निकाली जाएगी।

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    मंदिर के अन्‍य उत्‍सवों पर फरमाए गौर

    अन्य उत्सवों पर नजर डालें तो 14 अप्रैल को महाविशुब संक्रांति, 15 अप्रैल को रामाभिषेक, 20 अप्रैल को रुक्मिणी अमावस्या, 28 को निलाद्री महोदयाष्टमी, 1 मई को मोहिनी (शंभू) एकादशी, 4 को नरसिंह जन्म, 15 मई को जलक्रीडा (शंभू) एकादशी, 19 को सावित्री अमावस्या, 25 मई को शीतला षष्ठी, 30 मई को राजेन्द्राभिषेक, 31 मई रुक्मिणी हरण एकादशी, विवाह महोत्सव, जलक्रीड़ा, 1 जून को चंपक द्वादशी, 2 जून को श्रीमंदिर दइतापति प्रवेश नीति, 3 जून को सेनापटा लागी एवं चतुर्थी होम नीति सम्पन्न की जाएगी। 13 जून को चकाबिजे नीति के बाद 18 जून तक अवकाश नीति चलेगी। 19 जून को प्रभु नवयौवन वेश में प्रकट होंगे। 20 जून को श्रीगुंडिचा यात्रा यानी रथयात्रा के बाद 24 जून को हेरापंचमी, 27 जून को संध्या दर्शन, 28 जून को बाहुड़ा यात्रा, 29 जून को सुनाबेश, 30 जून को अधारपान, 1 जुलाई को नीलाद्री बीजे नीति सम्पन्न की जाएगी।

    दिसंबर तक के कार्यक्रमों का विवरण

    13 जुलाई को कामदा एकादशी, 17 जुलाई को चितालागी अमावस्या, 29 को हरिशयन नीति, 30 जुलाई को गरुड़ शयन नीति, 25 अगस्त को बड़ी नृसिंह बीजे नीति, 26 को झूलन यात्रा, 31 को बलभद्र जन्म, 4 सितम्बर को राहुरेखा, 6 को जन्माष्टमी के साथ महाप्रभु को विभिन्न वेश में सजाया जाएगा। 19 को गणेश चतुर्थी, 24 अक्टूबर को दशहरा, 25 अक्टूबर को राधा दामोदर वेश, 28 को कुमार पुर्णिमा, 21 नवंबर को आंवला नवमी, 23 नवंबर को हरि उत्थान नीति एवं महाप्रभु का लक्ष्मीनारायण वेश, 24 को बाकचूण वेश तथा गरुण उत्थान नीति, 25 नवंबर को डालीकिया वेश, 26 नवंबर को लक्ष्मी-नृसिंह वेश, 27 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजाधिराज वेश अर्थात सोना होगा। 5 दिसंबर को प्रथमाष्टमी, 11 दिसंबर से देव दीपावली उत्सव शुरू होगा। 18 दिसंबर को ओडिशी षष्ठी और 25 दिसंबर को पांडुनरसिंह बीजे नीति शुरू होगी।

    साल 2024 के कुछ कार्यक्रमों की सूची

    इसी तरह 11 जनवरी 2024 को बकुल अमावस्या, 14 जनवरी को नवांक वेश, 15 को मकर संक्रांति, 25 तारीख को पुष्याभिषेक पूर्णिमा, 10 फरवरी को श्रीजिउ के पद्मवेश, 14 फरवरी को बसंत पंचमी और रथ लकड़ी अनुकूल पूजा, 24 को गज उद्धारण वेश, 6 मार्च को पंकोधार एकादशी, 8 मार्च को महाशिवरात्रि होगी। 25 मार्च को डोल पुर्णिमा एवं राजाधिराज वेश संपन्न किया जाएगा। 26 मार्च को होली तथा 12 अप्रैल को बाड़ी नृसिंह विजे नीति संपन्न होगी।

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