भुवनेश्वर में बदली के बाद भी सरकारी आवास नहीं छोड़ रहे हैं पुलिस बाबू, किराए पर चढ़ाकर ऐंठ रहे मोटी रकम
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है कि अन्य जिलों में बदली होने के बाद भी कुछ पुलिस अधिकारी यहां के सरकारी आवासों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ तो इन्हें किराए पर चढ़ा दिया है।

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से अन्यत्र जगहों पर बदली होने के बाद भी सरकारी आवास को पुलिस अधिकारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इतना ही नहीं, अधिकारी केवल सरकारी आवास ही नहीं छोड़ रहे हैं, बल्कि इसके लिए निर्धारित किराये का भुगतान भी सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं कर रहे हैं।
सूचना अधिकार कानून से मिले तथ्य के मुताबिक राजधानी में 32 पुलिस बाबुओं के नाम पर 50 लाख रुपये का बकाया है। इन 32 पुलिस कर्मचारियों से अनेक पदोन्नति पाकर डीएसपी बन गए हैं, किन्तु वे जानबूझकर सरकारी आवास को नहीं खाली कर रहे हैं। यहां पर अपने रिश्तेदारों को रखकर अन्य जिले में सरकारी आवास लेकर अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रह रहे हैं।
बदली के तीन महीने बाद घर खाली करने का है नियम
एक पुलिस अधिकारी कमिश्नरेट पुलिस महकमे में योगदान देने के बाद क्वार्टर के लिए आवेदन करता है। उसे घर मिलने के बाद उसके वेतन से 10 प्रतिशत बिजली, पानी एवं घर किराए के रूप में काटा जाता है। इनकी जब अन्य जिलों को बदली हो जाती है, तो तीन में महीने के अन्दर उक्त घर को खाली करने का समय निर्धारित किया गया है। इन तीन महीनों में पुलिस अधिकारियों के अन्य जिले में क्वार्टर लेकर चले जाने का नियम है। हालांकि, इस नियम को कई पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हैं। इससे सरकार के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है।
राजधानी में पुलिस अधिकारियों के बच्चे कर रहे हैं पढ़ाई
राजधानी भुवनेश्वर में पुलिस अधिकारियों के बच्चे पढाई कर रहे हैं। ऐसे में बदली होने के बाद भी वे क्वार्ट्स नहीं छोड़ रहे हैं। इसके पीछे मुख्य वजह है कि राजधानी में इतने कम पैसे में घर मिलना मुश्किल है। ऐसे में उन्हें जो क्वार्टर्स मिला है उसे जानबूझकर छोड़ना नहीं चाहते हैं।
अन्य पुलिस कर्मचारियों नहीं मिल रहा है घर
इन पुलिस अधिकारियों द्वारा घर नहीं छोड़ने के कारण अन्य जरूरतमंत पुलिस अधिकारियों या कर्मचारियों को सरकारी घर नहीं मिल पा रहा है। वे डीसीपी कार्यालय एवं जीए कार्यालय का चक्कर लगाकर थक जाते हैं, मगर उन्हें घर नहीं मिल पाता है। ऐसे में बाहर किराए पर घर लेने को उन्हें मजबूर होना पड़ता है।
किराये पर भी लगा दिए गए हैं कुछ सरकारी क्वार्टर्स
आरटीआई तथ्य मिलने के बाद कुछ सरकारी क्वार्टर्स की जांच करने से पता चला कि बदली होने के बाद कुछ पुलिस अधिकारी इसे किराये पर लगा दिए हैं। इन घरों में रहने वाले किरायेदारों से पूछने पर उनका कहना है कि वे 15 हजार रुपया महीने देते हैं।
आएगा कड़ा नियम
बदली के बाद पुलिस बाबूओं के घर नहीं छोड़ने की खबर सामने आने के बाद अब कमिश्नरेट पुलिस इसके लिए सख्त नियम बनाने जा रही है। यहां तक कि सभी पैसा जीए विभाग क्लियर ना करने पर उन्हें क्लियरेन्स नहीं मिलेगा। इसके बाकी के पैसे को उनके वेतन से काटने की व्यवस्था करने की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर दी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।