ओडिशा में सागर किनारे उभरी ये कैसी आकृति? चक्रवात 'मोंथा' के जाते ही हैरान लोग लगा रहे अटकलें
बंगाल की खाड़ी के गहीरमाथा अभयारण्य में एक जहाज का मलबा मिला है। चक्रवात 'मोंथा' के कारण यह मलबा नासीरु तट के पास दिखा, जिसके ब्रिटिश काल में डूबने की आशंका है। ज्वार के समय यह डूब जाता है। वन विभाग के अनुसार, यह पहले भी दिखा था, पर बाद में गायब हो गया।

समुद्र में दिखता जहाज का मलबा। (जागरण)
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। चक्रवात मोंथा का ओडिशा में भी प्रभाव देखने को मिला है। मोंथा की वजह से ओडिशा के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
चक्रवात मोंथा की वजह से बंगाल की खाड़ी के गहीरमाथा समुद्री अभयारण्य में भी उथल-पुथल मचा हुआ है। इस बीच वहां एक जहाज का मलबा दिखाई दिया है।
चक्रवात ‘मोंथा’ के प्रभाव से उग्र समुद्र में आज सुबह तट से कुछ दूरी पर यह मलबा देखा गया। आशंका जताई जा रही है कि यह जहाज ब्रिटिश शासनकाल के समय डूब गया था।
गहीरमाथा समुद्री अभयारण्य के एक तटीय हिस्से नासीरु से करीब एक किलोमीटर आगे यह जहाज का ढांचा दिखाई दे रहा है। भाटा के समय यह मलबा ऊपर दिखाई देता है, जबकि ज्वार के समय पानी में डूबा रहता है।
इसके ढांचे की बनावट देखकर वन विभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि यह जहाज अंग्रेजों के समय का है।
उल्लेखनीय है कि करीब दस वर्ष पहले भी इस जहाज का यह मलबा देखा गया था, लेकिन बीते कुछ वर्षों से यह फिर दिखाई नहीं दे रहा था।
बीते दिन चक्रवात ‘मोंथा’ के प्रभाव से समुद्र में अशांति बढ़ गई और तेज ज्वार उठने से पानी स्थलीय भागों तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि ज्वार के समय यह मलबा तट की ओर बहकर आ गया है।
हालांकि, यह जहाज कहां से आया, कब और कहां डूबा था, इस पर अब और जांच की आवश्यकता है।
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