IAS अधिकारी विष्णुपद सेठी की बढ़ी परेशानी, हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विष्णुपद सेठी की सीबीआई मामले में मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है और पहले दी गई अंतरिम जमानत भी रद्द कर दी है। सीबीआई ने सेठी के आवास पर छापेमारी की थी और रिश्वत के लेन-देन में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया है। फॉरेंसिक जांच में आवाज के नमूने भी मेल खाने की बात सामने आई है।

संवाद सहयोगी, कटक। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विष्णुपद सेठी की परेशानी बढ़ गई है। सीबीआई मामले में गिरफ्तारी को टालने के लिए सेठी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
बीती 18 जुलाई को हाई कोर्ट ने सेठी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को खत्म करते हुए अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले उन्हें अंतरिम जमानत मामले में भी फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
इसके बाद सोमवार को हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अपने फैसले में कोर्ट ने सेठी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही साथ बीती 3 जुलाई को दी जाने वाली अंतरिम जमानत को भी रद कर दिया है।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस वी. नरसिंह की एकल खंडपीठ ने सेठी की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई करने के पश्चात करते हुए अपना फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि सेठी की आवास में सीबीआई ने छापेमारी की थी। ब्रिज एंड रूफ कारपोरेशन के जीएम चंचल मुखर्जी के रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार होने के बाद इसमें बेवजह उन्हें और उनके परिवार को खींचा जा रहा है, यह दर्शाते हुए सेठी और उनके पत्नी एवं बेटी की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन दिया गया था।
बीती 20 जून को हाई कोर्ट ने सेठी और उनकी पत्नी और बेटी की ओर से दायर मामले को खारिज करने के साथ-साथ पहले से दी अंतरिम जमानत के निर्देश को भी रद कर दिया था।
ठीक उसी दिन सेठी ने अपनी गिरफ्तारी को टालने के लिए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए गुहार लगाई थी। सीबीआई की ओर से सेठी की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया गया था। बता दें कि चंचल मुखर्जी के साथ सेठी का पहले से परिचय था।
सीबीआई का कहना था कि उसने उस घटना में 10 लाख रुपये की राशि देवदत्त महापात्र नामक व्यक्ति की गाड़ी से जब्त की थी, जो कि रिश्वत के तौर पर दी जानी थी। देवदत्त महापात्र के साथ फोन पर विष्णुपद सेठी की बात भी हुई थी। यह बात जांच पड़ताल से पता चली थी।
सीबीआई ने कोर्ट में यह भी कहा कि आवेदनकर्ता की आवाज के नमूने, फोन कॉल रिकॉर्ड के साथ मेल खाने वाले थे। यह बात फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री रिपोर्ट से पता चलती है। सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर सार्थक नायक मामले में पक्ष रख रहे थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।