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    Odisha Politics: केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम का चुनावी राजनीति से संन्यास, उभरते नेताओं का करेंगे समर्थन

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 05:24 PM (IST)

    वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। संबलपुर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ओराम ने कहा कि वह अगली पीढ़ी के नेताओं को प्रशिक्षित करेंगे। सुंदरगढ़ से पांच बार सांसद रहे ओराम ने पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के विकास के लिए हमेशा काम करते रहेंगे।

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    केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम का चुनावी राजनीति से सन्यास लेने का एलान। फाइल फोटो

    आईएएनएस, ओडिशा। ओडिशा की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जुएल ओराम ने शनिवार को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। ओराम ने कहा कि वह पार्टी के भीतर पीढ़ीगत बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

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    संबलपुर में एक सार्वजनिक समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए ओराम ने कहा कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं इसके बजाय अगली पीढ़ी के नेताओं को प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

    जुएल ओराम ने राजनीति से लिया सन्यास

    ओराम ने कहा कि मैंने भविष्य में कोई भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। यह समय युवाओं को नेतृत्व की भूमिका निभाने और लोगों का प्रतिनिधित्व करने का मौका देने का है। मैं पार्टी की हर संभव मदद करता रहूंगा और हमारे उभरते नेताओं को पूरा समर्थन दूंगा।

    यह घोषणा कई वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारियों की उपस्थिति में की गई, जो ऐसे समय में हुई जब पार्टी बीजद को हराकर राज्य में मजबूती से स्थापित है।

    सुंदरगढ़ से पांच बार सांसद और भाजपा का एक प्रमुख आदिवासी चेहरा ओराम ओडिशा में पार्टी के उत्थान के प्रमुख वास्तुकार रहे हैं।

    आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत करने का श्रेय

    उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकारों में जनजातीय मामलों का विभाग संभाला है और उन्हें पूर्वी भारत के आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है।

    ओराम चार साल से अधिक समय तक ओडिशा राज्य भाजपा अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रहे और ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता थे।

    लगातार चुनावी सफलता और जमीनी स्तर पर मजबूत जुड़ाव से चिह्नित उनके लंबे राजनीतिक जीवन ने उन्हें राज्य के सबसे प्रभावशाली आदिवासी नेताओं में से एक बना दिया है।

    पार्टी के विकास के लिए करते रहेंगे काम- ओराम

    चुनावी मुकाबलों से दूर रहते हुए उन्होंने भाजपा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह ओडिशा में पार्टी के विकास के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीति सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित नहीं है।

    योगदान देने के और भी कई तरीके हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी का मार्गदर्शन और समर्थन करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। उनकी यह घोषणा ओडिशा भाजपा के नेतृत्व में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी।

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