Odisha News: मरीज के लिए देवदूत बने सतीश सिंह, मानवता की पेश की मिसाल; 385 किमी आकर किया रक्तदान
छत्तीसगढ़ के सतीश सिंह संबलपुर के एक युवक के लिए देवदूत बने। सड़क दुर्घटना में घायल युवक को कटक मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां उसे ओ पॉजिटिव बांबे ब्लड ग्रुप की आवश्यकता थी जो दुर्लभ है। संबल संस्थान के रामदास पंडा ने सतीश सिंह से संपर्क किया जो रक्तदान के लिए छत्तीसगढ़ से संबलपुर आए।

संवाद सहयोगी, संबलपुर। छत्तीसगढ़ के सतीश सिंह, संबलपुर के एक युवक के लिए देवदूत साबित हुए। उन्होंने रक्तदान कर घायल युवक का जान बचाया।
बताया गया है कि 19 जुलाई को संबलपुर का एक युवक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे कटक मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। दुर्घटना में उसका एक पैर पूरी तरह से खराब हो गया था, इसलिए डॉक्टर उसके ऑपरेशन के लिए 3 से 4 यूनिट रक्त की मांग की।
मरीज का ब्लड ग्रुप- ओ पॉजिटिव बांबे है, जो बहुत ही दुर्लभ ग्रुप है। पूरे ओडिशा में केवल 25-30 लोगों का ही यह ब्लड ग्रुप है। मरीज का ब्लड काउंट 4.6 फीसद तक गिर गया था। डॉक्टर ने कहा कि बिना खून के मरीज का ऑपरेशन असंभव है।
मरीज के परिजनों से जानकारी मिलने के बाद संबलपुर के संबल संस्थान के रामदास पंडा ने छत्तीसगढ़ के सतीश सिंह से संपर्क किया। सतीश कटक जाने के बजाय संबलपुर में ही रक्तदान करने के लिए तैयार हो गए, इसलिए कटक से मरीज के परिजन रक्त के नमूने लेकर संबलपुर मुख्य अस्पताल आए।
ऑपरेशन हो सका संभव
शुक्रवार की रात, सतीश सिंह 385 किमी दूर छत्तीसगढ़ से संबलपुर आए और रक्तदान किया। इसी तरह, कटक में दो और रक्तदाताओं ने भी रक्तदान किया, जिससे मरीज का ऑपरेशन संभव हो सका। सतीश को एक भाई की जान बचाने के लिए इतनी दूर से रक्तदान करने आने के लिए उपहार और गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सुब्रत पंडा और देबाशीष माझी भी उपस्थित रहे और इस नेक काम के लिए देवदूत बनकर आए सतीश का बहुत-बहुत धन्यवाद किया।
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