Odisha News: पुलिस एसआई भर्ती घोटाला बीजेडी का प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग
भुवनेश्वर में पुलिस एसआई भर्ती घोटाले के खिलाफ बीजू जनता दल ने जोरदार प्रदर्शन किया और सीबीआई जांच की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया है। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अब तक 119 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 5 दलाल शामिल हैं।जांच एजेंसियां आरोपियों के सीडीआर और बैंक लेनदेन की पड़ताल कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुलिस एसआई (सब-इंस्पेक्टर) भर्ती घोटाले में अनियमितता को लेकर बीजू जनता दल (बीजेडी) ने तीखा विरोध शुरू किया है।बीजू छात्र जनता ने आवेदकों को न्याय दिलाने और भर्ती प्रक्रिया में हुई धांधली के खिलाफ सोमवार को राजधानी भुवनेश्वर में जोरदार प्रदर्शन किया।
बीजेडी ने इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि जांच के आदेश नहीं दिए गए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन में कई अभ्यर्थी भी शामिल हुए।
दूसरी ओर, जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, फेक जॉब सिंडिकेट का जाल खुलता जा रहा है।पुलिस एसआई भर्ती घोटाले की परतें लगातार खुल रही हैं और जांच की प्रक्रिया जारी है।
रविवार को भुवनेश्वर स्थित लिंगराज इन्फोसॉल इंस्टीट्यूट पर छापा मारा गया, जहां आरोपी शंकर पृष्टि के रैकेट चलाने की जानकारी मिली है। इस बीच, गिरफ्तार चौथे आरोपी विश्वरंजन बेहरा से क्राइम ब्रांच को कई अहम जानकारियां मिली हैं।
कल पांचवें दलाल अरविंद दास को भी गिरफ्तार किया गया, जो बालेश्वर जिले के सिंघला थाना क्षेत्र का निवासी है। अब तक कुल 119 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 5 दलाल शामिल हैं। हालांकि, इस पूरे घोटाले का किंगपिन अभी भी फरार है।
सिलिकॉन टेक लैब और पंचसॉफ्ट के मालिक शंकर पृष्टि की भूमिका को लेकर संदेह और गहराता जा रहा है।सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह ठगी का सिंडिकेट लोकसेवा भवन से संचालित हो रहा था?
क्या इस घोटाले में कुछ हाई-प्रोफाइल लोगों की संलिप्तता है? क्या कुछ पुलिस अधिकारी भी इस सिंडिकेट में शामिल हैं, और अगर हां, तो उन्हें गिरफ्तार करने में क्राइम ब्रांच पीछे क्यों हट रही है?
घोटाले के मास्टरमाइंड की तलाश अब राज्य के भीतर और बाहर दोनों जगह तेज कर दी गई है।विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के मालिक भी अब जांच के घेरे में हैं।
जांच एजेंसियां आरोपियों के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) की पड़ताल कर रही हैं, और जरूरत पड़ने पर उनके बैंक लेनदेन की भी जांच की जाएगी।
सभी बोर्ड और आयोगों को निर्देश दिया गया है कि वे जून 2024 से अब तक रद्द की गई परीक्षाओं की रिपोर्ट जमा करें। बताया जा रहा है कि इस बड़े भ्रष्टाचार का मुख्य सूत्रधार शंकर पृष्टि फरार हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, शंकर पृष्टि का करीबी सहयोगी मुन्ना महांती ने भुवनेश्वर से अभ्यर्थियों को हैदराबाद ले जाने के लिए तीन बसें किराए पर ली थीं।
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