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    प्रशांत का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन, 9 वर्षीय बेटे तनुज ने दी मुखाग्नि; रोते-रोते बेहोश हो गई पत्नी

    Updated: Thu, 24 Apr 2025 08:48 PM (IST)

    पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए प्रशांत सत्पथी का पार्थिव शरीर बालेश्वर स्थित उनके पैतृक गांव पहुंचा। वहां हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। मा ...और पढ़ें

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    नौ वर्षीय बेटे तनुज ने दी प्रशांत सत्पथी को मुखाग्नि। (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, बालेश्वर/भुवनेश्वर। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए प्रशांत सत्पथी का पार्थिव शरीर गुरुवार की सुबह करीब छह बजे उनकी जन्मभूमि ओडिशा के बालेश्वर जिले के रेमुणा प्रखंड अंतर्गत ईशानी गांव में कड़ी सुरक्षा के बीच जैसे ही पहुंचा।

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    वहां मौजूद हजारों के तादाद में ग्रामीण, रिश्तेदार, मित्र, राजनेता एवं प्रशासिक अधिकारियों की आंखें नम हो गई।एक ओर जहां पूरे गांव में प्रशांत के जाने का गम था, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ भारी आक्रोश भरा था। प्रशांत के पार्थिव शरीर की एक झलक पाने के लिए लोग व्याकुल हो उठे थे।

    वहां मौजूद कोई भी व्यक्ति अपने आंसुओं को नहीं रोक पा रहा था। क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, क्या महिलाएं, क्या वयस्क अपने गांव के लाल को इस हालत में देख कोई भी कुछ भी कहने को तैयार नहीं था।

    मृतक प्रशांत की पत्नी प्रियदर्शनी अपने नौ वर्षीय बेटे के साथ दिवंगत पति के दोनों हाथों को अपने हाथों में पकड़ कर शायद कुछ कह रही थी। शायद वह यही कह रही थी कि आप हमें इतनी जल्दी छोड़कर क्यों चले गए।

    नहीं रोक पाए अपने आंसू

    यह दृश्य देख वहां पर खड़े सारे लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे। काफी हृदयविदारक इस दृश्य को शब्दों के जरिए बयां नहीं किया जा सकता था। उनके बड़े भाई, बहनें और उनके बच्चे समेत पूरा परिवार प्रशांत से लिपटकर रो रहा था। बारी-बारी से लोग प्रशांत के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर रहे थे।

    प्रशांत सत्पथी के नौ वर्षीय पुत्र तनुज कुमार ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान प्रशांत की पत्नी प्रियदर्शिनी बेहोश हो गईं। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना और बालेश्वर के सांसद प्रताप चंद्र षडंगी भी उपस्थित थे।

    गुरुवार की सुबह करीब नौ बजे मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और ओडिशा प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल समेत बड़ी संख्या में राज्य स्तरीय और स्थानीय नेताओं ने प्रशांत के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

    प्रशांत सत्पथी अमर रहे नारों से गूंजा इलाका

    मुख्यमंत्री समेत अन्य लोग तनुज को उसके घर से करीब एक किलोमीटर दूर श्मशान घाट तक ले गए। 'जय हिंद' और 'प्रशांत सत्पथी अमर रहे' के नारों से पूरा इलाका गुंजयमान रहा।

    श्मशान घाट की ओर जाने वाली सड़क के दोनों ओर इंतजार कर रहे लोग तब रो पड़े, जब उन्होंने देखा कि तनुज अपने पिता के शव के साथ रस्म के अनुसार मुरमुरे फेंक रहा है। दूर-दूर से सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए श्मशान घाट पहुंचे थे।

    ईशानी मैदान में प्रशांत को चिता पर लिटाया गया और उनके बेटे तनुज ने सभी रस्में पूरी कर पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दृश्य को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी, मासूम पर्यटकों की हत्या करने वालों के खिलाफ भारत सरकार कब और कैसी कार्रवाई करेगी।

    पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 19 अप्रैल को प्रशांत सत्पथी अपनी पत्नी और बेटे के साथ जम्मू-कश्मीर गए थे, लेकिन किसी को क्या पता था कि परिवार के साथ छुट्टियां बिताने गए प्रशांत आतंकियों की गोलियों का शिकार हो जाएंगे।

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