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    'ओडिशा के साथ अन्याय हुआ है...', लोकसभा में BJP की टेंशन बढ़ाएगी BJD! सांसद बोले- हमारे नेता ने हमें दी खुली छूट

    Odisha Politics लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर देश की सियासत उफान पर है। स्पीकर पद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण चुनाव कराने की नौबत आ गई है। एनडीए ने एक बार फिर ओम बिरला (Om Birla) को उम्मीदवार बनाया है। वहीं आईएनडीआईए की तरफ से के. सुरेश (K. Suresh) ने नामांकन दाखिल किया है।

    By Agency Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 26 Jun 2024 08:15 AM (IST)
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    लोकसभा स्पीकर के चुनाव में भाजपा की टेंशन बढ़ा सकती है बीजद। (फाइल फोटो)

    एएनआई, भुवनेश्वर। एनडीए द्वारा ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में नामित किये जाने पर बीजेडी का बयान भाजपा की टेंशन बढ़ा सकता है। बीजेडी सांसद मुजीबुल्लाह खान ने कहा है कि प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब बहुत अनुभवी नेता हैं। हम उम्मीद कर रहे थे कि भर्तृहरि महताब (Bhartrhari Mahtab) को स्पीकर के रूप में नामित किया जाएगा।

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    बीजेडी सांसद ने आरोप लगाया कि एनडीए ने ओडिशा के साथ अन्याय किया है, जिसने भाजपा को 20 सांसद दिए हैं। हम ओडिशा के सांसदों के लिए कम से कम 4 मंत्रालय और स्पीकर पद की उम्मीद कर रहे थे। धर्मेंद्र प्रधान और जुएल ओराम को मंत्रालय मिले हैं, लेकिन हमें ओडिशा के लिए और अधिक की उम्मीद थी।

    मुजीबुल्लाह खान ने कहा कि हम संसद में ओडिशा के मुद्दों को उठाएंगे और खुद को एक अच्छा विपक्ष साबित करेंगे। ओडिशा के लिए आवाज उठाने के लिए हमारे नेता नवीन पटनायक ने हमें खुली छूट दी है।

    क्या है विरोध की असली वजह?

    बता दें कि पिछले 10 सालों में बीजेडी ने कई अहम मौकों पर भाजपा का साथ दिया है। कई अहम विधेयकों को पास कराने में भाजपा का सहयोग किया है। लोकसभा व विधानसभा चुनावों में ऐसी चर्चा भी थी कि दोनों एक साथ आ सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

    लोकसभा व विधानसभा चुनावों में भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। भाजपा एक तरफ नवीन पटनायक का किला ढहाते हुए राज्य में सरकार बनाने में रही। वहीं, 20 लोकसभा सीटें जीतकर बीजद को बुरी तरह पराजित किया है।

    तेज हो सकता है बीजद का विरोध

    चुनावों में मिली बुरी हार के बाद बीजेडी चौकन्ना हो गई है। चुनावी विश्लेषक इस बात का अनुमान पहले ही लगा रहे थे कि अब राज्य के साथ केंद्रीय राजनीति में भी भाजपा को बीजद का सहयोग नहीं मिलने वाला है। आने वाले दिनों में बीजद के भाजपा विरोध में और पैनापन देखने को मिल सकता है।

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