Odisha Weather: ओडिशा में खतरनाक हुआ काल बैसाखी, 12 जिलों में हुई बारिश; मयूरभंज में हुआ भारी नुकसान
Odisha Weather ओडिशा में काल बैसाखी के प्रभाव से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ हो रही वर्षा के कारण मौसम का मिजाज बदल गया है। शुक्रवार रात को तेज हवा के साथ हुई रिमझिम वर्षा के बाद शनिवार सुबह भी आसमान बादलों से ढका रहा और कुछ जगहों पर हुई हल्की बारिश से लोगों को गर्मी से राहत देने का काम किया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। प्रदेश में काल बैसाखी के प्रभाव से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ हो रही वर्षा के कारण मौसम का मिजाज बदल गया है।
पिछले कुछ दिनों से तेजी से बढ़ रहा पारा लुढ़क गया है। गर्म हवा की थपेड़ों की जगह चल रही ठंड हवाओं ने मौसम को खुशनुमा बना दिया है।
राजधानी में शुक्रवार रात को तेज हवा के साथ हुई रिमझिम वर्षा के बाद शनिवार सुबह भी आसमान बादलों से ढका रहा और कुछ जगहों पर हुई बूंदाबांदी ने लोगों को गर्मी से राहत देने का काम किया है।
12 जिलों में हुई बारिश
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात के अलावा शनिवार सुबह को भी यह स्थिति देखने को मिली है। राजधानी भुवनेश्वर के साथ राज्य के 12 जिलों में तेज हवा के साथ वर्षा हुई है।
इन जिलों में केंद्रापड़ा, जगतसिंहपुर, भद्रक, बालेश्वर, सुंदरगढ़, केंदुझर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, ढेंकानाल, अनुगुल और देवगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर वर्षा हुई है।
इसी तरह नुआपड़ा, बलांगीर, बरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर, सोनपुर, बौद्ध, नयागढ़, कंधमाल, खुर्दा, पुरी और गंजाम में अलग-अलग स्थानों पर 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ गरज के साथ वर्षा होने की सूचना मिली है।
लोगों को गर्मी से मिली राहत
इससे लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिली है, हालांकि इस दौरान कुछ जगहों पर नुकसान होने के भी समाचार मिले हैं।
वहीं, मौसम विभाग ने 23 मार्च मयूरभंज, केंदुझर, कालाहांडी, कंधमाल, पुरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम, गजपति, बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रापड़ा, कटक और जगतसिंहपुर में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 24 मार्च को पुरी, खुर्दा, नयागढ़, गंजाम और गजपति में वर्षा होने की संभावना है।
गौरतलब है कि कालाबैसाखी के प्रभाव से मयूरभंज जिले में व्यापक नुकसान हुआ है। बारीपदा में शुक्रवार सुबह और शाम के बीच 85.4 मिमी बारिश हुई।
तेज हवा और ओलावृष्टि से कई घर हुए क्षतिग्रस्त
बांगरीपोशी, बिसोयी, कुलियाना जैसे ब्लॉकों में कालाबैसाखी के कारण भारी बारिश, हवाओं और ओलावृष्टि के कारण कई कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
बड़े पेड़ों की शाखाएं गिरने से यातायात और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने नुकसान का जायजा लेने के लिए आज मयूरभंज जिले का दौरा किया है।
आवास एवं शहरी विकास मंत्री कृष्णचंद्र महापात्र, बांगिरीपोशी विधायक संजली मुर्मु, रायरंगपुर विधायक जालेन नायक, बारीपदा विधायक प्रकाश सोरेन और जिले के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को राजस्व मंत्री से मुलाकात कर नुकसान पर चर्चा की है।
प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए चर्चा की गई है। मंत्री पुजारी ने जिला कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ घायलों के राहत, क्षति के आकलन और उपचार की समीक्षा की।
दो दिनों के लिए बंद हुआ सिमिलीपाल अभयारण्य
वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में कालबैसाखी के प्रभाव से हो रही बारिश के कारण सिमिलीपाल अभयारण्य को शनिवार एवं रविवार दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। यह जानकारी सिमिलीपाल के क्षेत्र निदेशक एवं क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक प्रकाश चंद गोगिनेनी ने दी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिमिलिपाल अभयारण्य के अंदर भारी बारिश हो रही है। इससे दिन में घूमने आने वाले पर्यटकों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
जिन पर्यटकों ने पहले से ही रात में ठहरने के लिए बुकिंग की है, उन्हें ही प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है।इसलिए, सिमलीपाल शनिवार और रविवार पर्यटकों के लिए दो दिन बंद रहेगा। विभाग ने सूचित किया है कि स्थिति का आकलन करने के बाद पर्यटकों को अनुमति दी जा सकती है।
गौरतलब है कि मयूरभंज जिले में गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन लगातार बारिश हुई। गुरुवार दोपहर जिले के बांगरीपोशी, बिसोई, कुलियाना, सरसकणा और करंजिया प्रखंडों में ओलावृष्टि और बारिश हुई, जिससे कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने के साथ ही फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, जिले की 19 पंचायतों के 47 गांवों में 4,775 लोग प्रभावित हुए हैं। 350 कच्चे घर क्षतिग्रस्त हो गए और 11 कच्चे घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।
295 कच्चे घर आंशिक रूप से जबकि चार गौशाला के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। इसके अलावा इस ओलावृष्टि एवं तेज हवा के कारण बिजली आपूर्ति, पानी आपूर्ति, परिवहन के बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है।
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