Odisha News: ओडिशा में डॉक्टर ने फेफड़े से 8 सेमी लंबा टूटा हुआ चाकू का टुकड़ा निकाला, पिछले 3 साल से अंदर फंसा था
ओडिशा के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने एक 24 वर्षीय व्यक्ति के फेफड़े से 8 सेंटीमीटर लंबा चाकू का टुकड़ा निकाला। तीन साल पहले बैंगलोर में हुए हमले में चाकू का टुकड़ा उसके शरीर में रह गया था। सफल ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है और उसे आईसीयू में रखा गया है। डॉक्टरों ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha News: ओडिशा के बरहमपुर स्थित एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने 24 वर्षीय एक व्यक्ति के फेफड़े से चाकू का आठ सेंटीमीटर लंबा टूटा हुआ टुकड़ा निकाला। एमकेसीजी अस्पताल की तरफ से यह जानकारी दी गई है। पिछले तीन वर्षों से टूटे हुए चाकू का टुकड़ा उस व्यक्ति के शरीर में था।
एमकेसीजी से मिली जानकारी के मुताबिक कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शारदा प्रसन्न साहू के नेतृत्व में डॉक्टरों के एक समूह ने थोरैकोटॉमी ऑपरेशन करके जिले के कविसूर्य नगर के संतोष दास के फेफड़े से चाकू के टुकड़े को बाहार निकाला है।
डॉ.साहू ने बताया कि स्टील और तेज चाकू की लंबाई लगभग आठ सेमी थी तथा इसकी चौड़ाई और मोटाई क्रमशः 2.5 सेमी और 3 मिमी थी।डाक्टर ने बताया कि मरीज की हालत अच्छी है और उसे अब गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में निगरानी में रखा गया है।
बदमाश ने कर दिया था चाकू से हमला
चाकू का टुकड़ा उसके शरीर में तब घुसा जब तीन साल पहले बैंगलोर में एक बदमाश ने उस पर चाकू से वार किया था। उस समय वह मजदूरी करता था। चाकू उसके बाएं हिस्से की गर्दन में मारा गया था। बैंगलोर में इलाज के बाद वह ठीक हो गया और करीब दो साल तक उसे कोई शिकायत नहीं हुई।
बाद में होने लगी तेज सूखी खांसी
करीब एक साल पहले उसे सूखी खांसी और बुखार हुआ था, जिससे उसे टीबी होने का डर सताने लगा था। डॉक्टर ने बताया कि टीबी का नौ महीने का इलाज भी पूरा हो चुका है।मरीज के खांसी में खून आने पर उसके परिवार के सदस्य उसे लेकर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे। वह 19 अप्रैल को यहां अस्पताल आया था।
डॉ.साहू ने बताया कि एक्स-रे के बाद उसके शरीर में किसी बाहरी वस्तु का पता चला।सीटी स्कैन और ब्रोंकोस्कोपी के बाद उसके दाहिने फेफड़े में इस वस्तु का पता चला।
उन्होंने बताया कि सीटीवीएस और एनेस्थीसिया विभाग के आठ डॉक्टर, नर्सिंग अधिकारी और पैरा-मेडिकल स्टाफ के एक समूह ने सर्जरी की और नुकीले धातु के टुकड़े को सफलतापूर्वक निकाला।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह बहुत आश्चर्य की बात थी कि नुकीले चाकू के टुकड़े ने शरीर के किसी भी महत्वपूर्ण अंग को नुकसान नहीं पहुंचाया।
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