Deh Vyapar: नौकरी का झांसा देकर बांग्लादेशी महिलाओं से कराया जा रहा देह व्यापार, दो एजेंट गिरफ्तार
ओडिशा में मानव तस्करी (Odisha human trafficking) का सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें बांग्लादेश से लाई गई महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर देह व्यापार में धकेला जा रहा था। एनआईए ने दो दलालों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से भारी मात्रा में नकदी और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में मानव तस्करी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बताया है कि बांग्लादेश से लाई गई महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर ओडिशा के बड़े शहरों में देह व्यापार में धकेला जा रहा है। इनमें भुवनेश्वर, कटक, संबलपुर और बालेश्वर जैसे शहर शामिल हैं।
एनआईए ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना से दो कुख्यात दलाल अमीर अली शेख और अमल कृष्ण मंडल को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में नकदी, विदेशी मुद्रा, फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी और बैंक पासबुक बरामद किए गए।
फर्जी दस्तावेजों से घूम रही थीं महिलाएं
जांच में सामने आया कि कई बांग्लादेशी महिलाएं बिना वैध वीजा के ओडिशा में रह रही थीं। ये महिलाएं फर्जी पहचान पत्रों के सहारे इधर-उधर घूम रही थीं और तस्करों के दबाव में देह व्यापार में काम कर रही थीं।
नवंबर 2024 में हुआ था पहला खुलासा
यह मामला पहली बार नवंबर 2024 में सामने आया, जब कटक के मधुपटना इलाके से एक बांग्लादेशी नाबालिग को छुड़ाया गया था। इसके बाद एक और युवती ने खुलासा किया कि महिलाओं को जबरन देह व्यापार में उतारा जाता है और विरोध करने पर उन्हें बर्बर हमलों का शिकार बनाया जाता है।
त्योहारों पर मुनाफा कमाने की थी तैयारी
सूत्रों के अनुसार तस्कर त्योहारों के दौरान इन महिलाओं से अवैध कमाई करने की योजना बना रहे थे। एनआईए ने इसे विस्फोटक मामला बताया है और जल्द ही बड़े स्तर पर छापेमारी की संभावना जताई है।
एनआईए को मिले बड़े सुराग
गिरफ्तार दलालों से मिले मोबाइल और डिजिटल उपकरणों से एनआईए को कई प्रभावशाली लोगों, व्यवसायियों और राजनेताओं से जुड़े अहम सुराग मिले हैं। साथ ही, ऐसे नक्शे भी बरामद हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि किस रास्ते से बांग्लादेशी महिलाओं को ओडिशा लाया जाता था।
महिलाओं की आपबीती
एक पीड़िता ने बताया कि मैं बांग्लादेश बॉर्डर से आई हूं। मुझे रुकसाना बेगम लेकर आई। एक काम के लिए मुझे 2,000 रुपये दिए जाते हैं।
कार्रवाई की मांग
पूर्व पुलिस अधिकारी शरत साहू ने कहा कि यह सिर्फ दो लोगों का काम नहीं हो सकता। यह एक बड़ा नेटवर्क है। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इस गंदे धंधे को पूरी तरह खत्म करना चाहिए।
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