ओडिशा हाईकोर्ट ने विधायकों की सैलरी वृद्धि के खिलाफ याचिका खारिज की, हस्तक्षेप करने से किया इंकार
ओडिशा हाईकोर्ट ने विधायकों के वेतन में वृद्धि के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, कटक। विधायकों की तनख्वाह और भत्ता वृद्धि मुद्दे को विरोध करते हुए दायर जनहित मामले को हाई कोर्ट ने रद (खारिज) किया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस हरीश टंडन और जस्टिस एम.एस रमण को लेकर गठित खंडपीठ में मामले की सुनवाई के दौरान इस जनहित याचिका की स्वीकार योग्यता को लेकर सवाल उठाया गया था।
सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पीतांबर आचार्य ने दर्शाया था कि, विधानसभा में पारित होने वाली बिल को इस आवेदन में चुनौती दी गई है। विधानसभा में पारित बिल राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद कानून में तब्दील हो जाता है।
इस क्षेत्र में विधानसभा में पारित बिल को विरोध कर मामला दायर किए जाने के कारण यह स्वीकार योग्य नहीं है। ऐसे में इस मामले को खारिज किया जाए। यह बात एडवोकेट जनरल अपने बहस में आदर्श थे।
इसके अलावा एडवोकेट जनरल ने सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट राय के कुछ मिसाल भी इस दौरान अदालत में पेश किया। अदालत इस संबंधित मामले की सुनवाई करने के बाद इस पर हस्तक्षेप करने के लिए मना कर दिया।
साथ ही साथ वकील कविता पात्र की ओर से दायर जनहित याचिका को भी हाई कोर्ट ने रद (खारिज) कर दिया है। सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पीतांबर आचार्य को एजीए देवाशीष त्रिपाठी, एएससी ऐश्वर्या दास मामला संचालन में सहयोग कर रहे थे, जबकि विधानसभा के अध्यक्ष की ओर से वकील प्रसन्न कुमार नंद मामला संचालन कर रहे थे।

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