2036 तक देश के टॉप-5 राज्यों में शामिल होगा ओडिशा, सीएम ने कहा- अर्थव्यवस्था में होगा इतने करोड़ का इजाफा
ओडिशा के मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि आने वाले दस साल ओडिशा के होंगे। 2036 में राज्य स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर ओडिशा देश के शीर्ष पांच राज्यों में होगा। राज्य की अर्थव्यवस्था 2036 तक 50 हजार करोड़ डॉलर तक पहुंचेगी। सरकार ने ‘36 के लिए 36’ कार्यक्रम तैयार किए हैं। मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसकर्मियों के लिए स्मारक बनाने की घोषणा की।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दस साल ‘ओडिशा का दशक’ होंगे। वर्ष 2036 में जब स्वतंत्र राज्य स्थापना के 100 वर्ष पूरे होंगे, तब ओडिशा देश के पांच सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शामिल होगा और एक समृद्ध राज्य के रूप में पहचान बनाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2036 तक राज्य की अर्थव्यवस्था 50 हजार करोड़ डॉलर और 2047 तक 1.5 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचेगी। यह लक्ष्य पूरी तरह संभव है क्योंकि सरकार के पास इच्छाशक्ति, दूर दृष्टि, संसाधन और जनता का सहयोग मौजूद है। इस दिशा में ‘36 के लिए 36’ विशेष कार्यक्रम तैयार किए गए हैं, जिनसे विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा।
सीएम ने पुलिस और सुरक्षा बलों के योगदान को नमन करते हुए घोषणा की कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों की स्मृति में राज्य में एक भव्य पुलिस स्मारक बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन जवानों का त्याग और बलिदान हमेशा प्रेरणा देता रहेगा, और सभी राजनीतिक दलों को मतभेद से ऊपर उठकर उनका सम्मान करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार की आलोचना का अधिकार सभी को है, लेकिन ‘सरकार’ और ‘राष्ट्र’ के बीच की मर्यादा लांघना देशहित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति रही है कि संकट की घड़ी में मतभेद भुलाकर हम एकजुट हो जाते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें बदलाव देखने को मिला है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने राज्यवासियों से आह्वान किया कि देश की एकता, सुरक्षा और विकास के लिए हम सभी एक मन, एक प्राण होकर कार्य करें। ओडिशा हमारी अस्मिता और चेतना का मंदिर है, और इसके विकास में सभी को गुंडुची मूषक की तरह पूरा समर्पण करना होगा।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि ओड़िया जाति ने अतीत में आंधियों और तूफानों के सामने हार नहीं मानी और आगे भी नहीं मानेगी। महाप्रभु श्री जगन्नाथ की कृपा से राज्यवासियों और देश के कल्याण की प्रार्थना करते हुए उन्होंने अपने संबोधन का समापन किया।
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