Odisha Cabinet: CM माझी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक: चार प्रस्तावों को मिली मंजूरी, तारिणी पीठ का होगा कायाकल्प
ओडिशा सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। केन्दुझर के घटगांव तारिणी मंदिर के विकास के लिए 226 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। गोदावरीश आदर्श प्राथमिक विद्यालय योजना के तहत 2200 नए विद्यालय बनाए जाएंगे जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राज्य सरकार ने सोमवार को कई बड़े फैसले लिए। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तीन विभागों के चार अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
इसमें केन्दुझर के घटगांव तारिणी मंदिर के विकास के लिए 226 करोड़ रुपये और गोदावरीश आदर्श प्राथमिक विद्यालय योजना के तहत 2200 नए विद्यालयों के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है।
तारिणी पीठ का कायाकल्प
केन्दुझर स्थित प्रसिद्ध घटगांव तारिणी पीठ और उसके आसपास के क्षेत्र के समग्र विकास के लिए डीपीआर तैयार हो चुका है। 69 एकड़ भूमि पर पारिपार्श्विक विकास कार्य किए जाएंगे। इसके तहत 226 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए एक हजार क्षमता वाला यात्री निवास, नारियल भंडार और 500 सीटों का बहुउद्देशीय हॉल बनाया जाएगा। सरकार का दावा है कि इन सुविधाओं से यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अत्यधिक लाभ मिलेगा।
शिक्षा में बड़ा कदम
राज्य कैबिनेट ने गोदावरीश आदर्श प्राथमिक विद्यालय योजना को भी मंजूरी दी। इस योजना के तहत शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक प्राथमिक आदर्श विद्यालय की स्थापना की जाएगी।
पहले चरण में तीन वर्षों के भीतर 2200 विद्यालय बनाए जाएंगे, जिन पर 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रत्येक विद्यालय पर 5 करोड़ से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण के बाद सभी पंचायतों में धीरे-धीरे विद्यालयों का निर्माण किया जाएगा।
अन्य फैसले
कैबिनेट ने श्रम एवं कर्मचारी राज्य बीमा योजना को ओडिशा में लागू करने के लिए 1948 के 63वें अधिनियम में संशोधन को भी मंजूरी दी है।
यह प्रावधान उन दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्यभर में उड़िया भाषा में साइन बोर्ड प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। इन फैसलों के साथ सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह धार्मिक स्थलों के विकास और शिक्षा के क्षेत्र में समान रूप से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
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