'मुझे बचाओ-बचाओ...', खौफनाक था वो 90 मिनट का मंजर; पीड़िता ने आपबीती सुनाई तो दंग रह गए DGP
ओडिशा के पुरी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जहां तीन लोगों ने एक 15 वर्षीय लड़की का अपहरण कर उसे आग लगा दी। गंभीर रूप से झुलसी लड़की ने भागकर दुखीश्याम सेनापति के घर पर मदद मांगी। सेनापति ने डीजीपी को बताया कि लड़की 90 मिनट तक उनके घर पर रही। उन्होंने उसकी जान बचाने के लिए तुरंत आग बुझाई पानी पिलाया और कपड़े बदले।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। पुरी जिले में तीन लोगों द्वारा अगवा की गई और आग लगा दी गई एक 15 वर्षीय लड़की को बचाने वाले बलंगा गांव के दुक्षीश्याम सेनापति ने डीजीपी वाईबी खुरानिया को 90 मिनट की दर्दनाक आपबीती सुनाई।
ओडिशा के पुरी जिले में कुछ लोगों द्वारा अपहृत और आग के हवाले की गई 15 वर्षीय लड़की की जान बचाने वाले व्यक्ति ने रविवार को बताया कि जब लड़की ने "मुझे बचाओ, मुझे बचाओ" चिल्लाते हुए उसके दरवाजे पर दस्तक दी थी, तब उसने 90 मिनट तक वहां कैसे समय बिताया।
बलंगा गांव के निवासी दुक्षीश्याम सेनापति ने बताया कि जब उन्होंने दस्तक और चीखें सुनकर दरवाजा खोला तो उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ।सेनापति ने डीजीपी वाईबी खुरानिया को बताया, "लड़की जल रही थी और दर्द से चिल्ला रही थी।" खुरानिया घटनास्थल पर पहुंचे और इस गुमनाम गांव में घटी घटना के क्रम को समझने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि घटना के दिन सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह लड़की चिल्लाती हुई मेरे घर आई। मैंने अपनी पत्नी की मदद से आग बुझाई और उसे पानी दिया क्योंकि वह बहुत प्यासी थी। बाद में मेरे परिवार की महिलाओं ने उसके कपड़े बदले। सेनापति ने कहा कि उन्होंने लड़की से पूछा कि क्या हुआ था, तो उन्हें बताया कि तीन अज्ञात लोगों ने उसे आग लगा दी है।
उसने बताया कि वह एक दोस्त से मिलकर घर लौट रही थी, तभी मोटरसाइकिल पर आए तीन लोगों ने उसे उठा लिया। इन लोगों के चेहरे आधे ढके हुए थे और वे उसे भार्गवी नदी के किनारे एक जगह ले गए। वह उनके नाम नहीं बता सकी। उसने बस इतना बताया कि उन्होंने उसका चेहरा रूमाल से ढक दिया और आग लगाने से पहले उस पर कोई पदार्थ डाल दिया।उन्होंने डीजीपी से कहा, "मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि वह कांप रही थी।
सेनापति ने बताया कि आरोपियों ने उसका अपहरण करते समय उसके हाथ बांध दिए थे।लेकिन, जब वह मेरे घर पहुंची तो उसके हाथ मुक्त थे।उन्होंने कहा कि पीड़िता ने उन्हें अपने पिता का नाम और वह गांव बताया जहां वह रहती है, जिसके बाद उन्होंने उनसे संपर्क किया।उन्होंने कहा कि मैं उनसे ज्यादा बात नहीं कर सका क्योंकि हमारे घर पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा थे।सेनापति ने बताया कि वह भी अपराध में शामिल लोगों की तलाश में अपने घर से बाहर भागे, लेकिन वे नहीं मिले।
पीड़ित ने डीजीपी को सुनाई आपबीती
उन्होंने कहा, लड़की ने मुझे बताया कि उसे आग लगाने के तुरंत बाद वे भाग गए। हमलावरों ने सोचा होगा कि वह मौके पर ही मर जाएगी, लेकिन बहादुर लड़की भागकर हमारे घर पहुंच गई। उन्होंने डीजीपी को यह भी बताया कि 108 एम्बुलेंस उनके घर देर से पहुंची, जिससे उन्हें लड़की को अस्पताल ले जाने के लिए ऑटो रिक्शा ढूंढना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब हम उसे ऑटो रिक्शा में ले जा रहे थे, उसी समय एम्बुलेंस आ गई। लड़की हमारे घर लगभग 90 मिनट तक रुकी थी।
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सेनापति ने कहा कि इस घटना से गांव में दहशत फैल गई है।उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे अकेले बाहर जाने से हिचकिचा रहे हैं। हम दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं। 70 प्रतिशत तक जल चुकी लड़की को बेहतर इलाज के लिए एम्स, नई दिल्ली ले जाया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
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