Odisha में बर्ड फ्लू ने बढ़ाई चिंता, पिपिली बना हॉट स्पाट; मारी गईं 26 हजार मुर्गियां
ओडिशा में बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है और यहां पुरी जिले के पिपिली एवं सत्यवादी में तीन दिनों में 26 हजार से अधिक मुर्गों को मार कर दफनाया गया है। इस संबध में स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर वहीं लोगों को सतर्क रहने को कहा है। रैपिड रिस्पांस टीम ने पिछले तीन दिनों में सारंजोड़ी और तेइसपुर पंचायत में 26000 से अधिक मुर्गियों को मारकर दफना है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Odisha Bird Flu News: ओडिशा में बर्ड फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है। पुरी जिले के पिपिली एवं सत्यवादी में तीन दिनों में 26 हजार से अधिक मुर्गों को मार कर दफना दिया गया है।
वहीं बर्डफ्लू मानव को संक्रमित ना करे इसके लिए सतर्क रहने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित होता है, तो फिर उसके शरीर में कौन-कौन से लक्षण होंगे, उस संदर्भ में भी सूचना जारी की गई है।
तीन परतों के बीच दफनाई जा रही हैं मुर्गियां
रैपिड रिस्पांस टीम ने सारंजोड़ी और तेइसपुर पंचायत के विभिन्न गांवों के खेतों में 26,000 से अधिक मुर्गियों को मारा गया है। मृत मुर्गियों को ब्लीचिंग और चूने की तीन परतों में दफनाया जा रहा है।
मुर्गियों को मारने के बाद फार्मों को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा रहा है।इसके अलावा, संक्रमित क्षेत्रों में बैनर लगाए गए हैं और लोगों से उस क्षेत्र में प्रवेश न करने के लिए कहा गया है।
पशुपालन विभाग ने किया मुआवजे का एलान
पशुपालन विभाग ने प्रभावित मुर्गीपालकों को मुआवजा देने का वादा करते हुए अगले छह महीने तक मुर्गीपालन बंद करने की सिफारिश की है। इसको लेकर खेत के मालिक परेशान हैं।
स्वास्थ्य निदेशक विजय महापात्र ने आम लोगों से अगले कुछ दिनों तक चिकन नहीं खाने की सलाह दी है।उन्होंने कहा है कि बर्ड फ्लू को लेकर जिलों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।
पिपली बना हॉटस्पॉट
पिपिली बर्ड फ्लू का हॉटस्पॉट बन गया है, इसलिए रैपिड रिस्पांस टीम वहां गई है। जिस इलाके से बर्ड फ्लू फैला है, उस इलाके को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। स्वास्थ्य निदेशक ने कहा है कि बर्ड फ्लू होने पर तुरन्त मुर्गों को मारकर जमीन में गाड़ देना चाहिए।
अभी केवल पिपिली में बर्ड फ्लू निकला है परन्तु हम सभी जगहों पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा है कि बर्ड फ्लू मुर्गा के संपर्क में मानव का आना ठीक नहीं है।
अर्ध पके चिकन को खान की मनाही
वहीं, एम्स भुवनेश्वर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डाक्टर वैजयंतीमाला मिश्रा ने कहा ने कहा है कि भारतीयों की खाना पकाने की शैली में चिकन मांस से मनुष्यों में वायरस का फैलना एक प्रकार से असंभव है।इसलिए बेहतर है कि आधा पका हुआ चिकन मीट न खाएं।
बर्ड फ्लू से संक्रमित मुर्दियों को काटने या उन्हें पकड़ने वालों को अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है। पोल्ट्री के मल और लार में वायरस होता है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारत में, अभी तक पक्षियों से मनुष्यों में वायरस का कोई संचरण नहीं देखा गया है।
यदि यह दुर्भाग्य से मानव शरीर में फैल जाए तो घातक है। क्योंकि मानव शरीर में इस वायरस के लिए जरूरी एंटीबॉडीज नहीं हैं।दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल पोल्ट्री फेडरेशन ने पिपिली में बर्ड फ्लू फैलने के बाद व्यापारियों को ओडिशा से किसी भी जीवित चिकन या उत्पाद का आयात नहीं करने की चेतावनी दी है।
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