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    पत्नी का शव कंधे पर लेकर चलने वाले सामुलू पांगी मामले पर मानवाधिकार आयोग की नजर, राज्‍य सरकार से मांगा जवाब

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Wed, 15 Feb 2023 01:18 PM (IST)

    अपनी पत्‍नी के शव को कंधे पर लेकर पैदल सफर तय करने वाले सामुलू पांगी नामक शख्‍स के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को 4 सप्ताह के अन्दर एक्शन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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    अपनी पत्‍नी के शव को लेकर लौटते सामुलू पांगी

    जासं, भुवनेश्वर। ओडिशा के कोरापुट जिले के पटांगी प्रखंड के सामुलू पांगी नामक शख्‍स के अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रखकर ढोने की घटना में राज्य सरकार को 4 सप्ताह के अन्दर एक्शन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने निर्देश दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को चार सप्ताह के भीतर इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी ने मामले में एनएचआरसी का ध्यान आकर्षित करने के साथ ही कहा है कि यह मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।

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    सरकार की नाकामी की वजह से सामुलू को उठानी पड़ी तकलीफ

    आयोग ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। राधाकांत ने अपनी याचिका में दलील दी है कि सामुलू को अपने जन्म स्थान वाले क्षेत्र में मेडिकल की कमी, आन्ध्र प्रदेश के अस्पताल में उपेक्षापूर्ण व्यवहार तथा पुलिस की भाषा ना समझ पाने के कारण काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा है। सामुलू की असुविधा में सरकार उसके लिए जरूरी इंतजाम करने में नाकाम रही है। सामुलू अपना पेट पालने के लिए मजदूरी करता है। श्रम कानून ठीक से कार्य नहीं कर रहा है, जिसके लिए सामुलू को परेशान होना पड़ा है।

    जानें क्‍या था पूरा मामला

    यहां उल्लेखनीय है कि पटांगी प्रखंड के 35 वर्षीय युवक सामुलू पांगी ने अपनी बीमार पत्नी इडे गुरु को इलाज के लिए पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित सांगीवालसा में मौजूद एक अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने इडे को यह कहते हुए घर वापस भेज दिया कि उसके बचने की संभावना बहुत कम है।

    सामुलू अपनी पत्नी को ऑटो रिक्शा किराए पर लेकर घर लौट रहा था, तभी रास्ते में ही उसकी पत्नी की मौत हो गई और ड्राइवर ने उसे रास्ते में ही छोड़ दिया। त्रिपाठी ने याचिका में कहा है कि कोई रास्ता नहीं मिलने पर वह अपनी पत्नी के शव को अपने कंधों पर उठाकर घर के लिए निकल पड़े।

    यहां पढ़ें पूरी खबर- पत्नी के शव को कंधे पर ले कई किमी पैदल चला शख्स, बीच रास्‍ते पुलिस बनी मसीहा, भवानीपटना की यादें हुईं ताजा