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    Pahalgam Terror Attack: 'प्रभु जगन्नाथ ने बचाया...', कलमा पढ़ा और बिंदी निकाली; पहलगाम में कैसे बचा कटक का परिवार

    पहलगाम हमले में जीवित बचे कटक के एक परिवार का राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बयान दर्ज किया। रंजीत भोल अपनी पत्नी और बेटे बहु के साथ उनकी शादी की तीसरी सालगिरह मनाने कश्मीर गए थे। परिवार ने बताया कि उन्होंने आतंकवादियों को लोगों को करीब से मारते देखा। पहलगाम हमले में भगवान जगन्नाथ और साईं बाबा ने उनके परिवार की रक्षा की।

    By Sheshnath Rai Edited By: Divya Agnihotri Updated: Thu, 01 May 2025 04:02 PM (IST)
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    पहलगाम हमले में जीवित बचे कटक के परिवार का NIA ने दर्ज किया बयान

    संवाद सहयोगी, कटक। Pahalgam Terror Attack: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को पहलगाम हमले में जीवित बचे कटक के एक परिवार का बयान दर्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि NIA के तीन सदस्यीय दल ने रंजीत भोल (69), उनकी पत्नी शशि कुमारी नायक (65), छोटे बेटे संदीप (35) और बहू लीना सुभादर्शिनी (33) से मुलाकात कर उनका बयान दर्ज किया।

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    आतंकियों को लोगों को मारते देखा

    जांचकर्ताओं ने तुलसीपुर के देउली साही में उनके आवास पर दो घंटे बिताए। NIA ने 22 अप्रैल को हमले में मारे गए 26 लोगों में प्रशांत सत्पथी की पत्नी प्रिया दर्शनी आचार्य का भी बयान दर्ज किया। भोल परिवार ने रविवार को कई माध्यमों से कहा था कि उन्होंने आतंकवादियों द्वारा तीन पर्यटकों की हत्या देखी थी।

    बेटे की शादी की सालगिरह मनाने गया था परिवार

    भोल परिवार अपने बेटे की शादी की तीसरी सालगिरह मनाने कश्मीर गए थे। शशि कुमारी ने कहा कि उन्होंने मुझसे 5 फीट से 10 फीट की दूरी के भीतर तीन लोगों को मार डाला।

    गोली से बचने की कोशिश में बायां हाथ और दाहिना पैर टूटा

    रंजीत भोल ने कहा कि भगवान जगन्नाथ और साईं बाबा ने मुझे और मेरे परिवार को बचाया। बेटे संदीप ने दावा किया कि, उन्हें आतंकवादियों के सामने घुटने टेकने पड़े और खुद को बचाने के लिए कलमा भी पढ़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि हालांकि, मैं हमेशा से भगवान हनुमान के बारे में सोच रहा था।

    मां को बिंदी हटाने के लिए कहा

    मैं भगवान हनुमान की तस्वीर वाली लॉकेट पहनता था। उस दिन मैंने उन्हें ही याद किया। संभवत: प्रभु की यही इच्छा थी, जिसकी वजह से मैं इतनी बड़ी त्रासदी से बच सका। संदीप ने कहा कि मैंने आतंकवादियों को लोगों को करीब से मारते देखा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी मां से अपने माथे से बिंदी हटाने के लिए कहा था।

    उनके पिता रंजीत ने कहा कि मरने वालों को सिर या सीने पर गोली लगी थी। उन्होंने कहा कि हमारे मौके पर पहुंचने के 15 मिनट बाद ही यह घटना हुई। हमने गोलियों की आवाज सुनने से पहले तस्वीरें क्लिक की थीं। रंजीत ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने उनकी घायल पत्नी को बचाया और उसके इलाज के लिए उसे अस्पताल ले गए।

    हालांकि, वे चाहते थे कि हम अस्पताल में ही रहें, लेकिन हमने डॉक्टर से झूठ बोला कि हमले की जगह पर हमें चोट नहीं लगी है। उन्होंने कहा कि हमें कश्मीर छोड़ने की जल्दी थी। हम जल्द से जल्द वहीं से निकलना चाहते थे।

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