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    Pahalgam Terror Attack: मददगारों ने बताया कैसे रची गई हमले की साजिश, अटैक से सात दिन पहले पहलगाम आए थे आतंकी

    पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले आतंकियों ने कश्मीर की तीन जगहों पर रेकी की थी। आरू घाटी एम्यूजमेंट पार्क और बेताव बेली में भी आतंकियों ने हमले की योजना बनाई थी लेकिन पर्यटकों की कम संख्या और सुरक्षाबलों की उपस्थिति के चलते उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। आतंकियों के पकड़े गए ओवरग्राउंड वर्करों ने बताया कि दो दिन पहले ही आतंकियों ने बैसरन घाटी को निशाना बनाया था।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 01 May 2025 02:35 PM (IST)
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    पहलगाम अटैक से पहले तीन जगहों पर हुई रेकी (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने देश की रुह को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस से लेकर एनआईए को दे दी गई है। अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी अपने स्तर पर पड़ताल में जुटी है।

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    पहलगाम के बैसरन में आतंकी हमले से पहले आतंकियों ने आरू घाटी, एम्यूजमेटं पार्क और बेताव बेली में भी रेकी की थी। लेकिन पर्यटकों की कम संख्या और सुरक्षाबलों की उपस्थिति के चलते यह फैसला बदल दिया गया। महज दो दिन पहले ही आतंकियों ने पहलगाम को चुना था।

    आतंकियों के पकड़े गए ओवग्राउंड वर्करों ने बताया कि दो दिन पहले ही आतंकियों ने बैसरन घाटी को निशाना बनाया था। आतंकि कुछ स्थानीय मददागारों के साथ एक सप्ताह पहले पहलगाम घूम रहे थे। वे 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे थे। इस बीच उन्होंने आरू घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताव घाटी की रेकी की। लेकिन सेना का शिविर पास होने के कारण उन्होंने इस जगह को निशाना बनाना ठीक नहीं समझा।

    कैसे रची गई प्लानिंग

    सूत्रों की मानें तो आतंकियों का दल अपने ओवरग्राउंड वर्क संग 19 अप्रैल को बैसरन पहुंचा था। उन्होंने बैसरन पार्क और आसपास क्षेत्र की रेकी की, लेकिन अपने ओवरग्राउंड वर्कर से इस विषय में कोई बात नहीं की। आतंकियों ने हमले से एक दिन पहले अपने ओवरग्राउंड वर्कर से संपर्क किया और उसे 22 अप्रैल की दोपहर को बैसरन पहुंचने के लिए कहा था।

    अल्ट्रा-स्टेट संचार उपकरण के दो सिग्नल भी पकड़े गए आतंकियों के एक ओवरग्राउंड वर्कर ने आतंकियों को फोन पर उस जगह की जानकारी दी, जहां उन्हें हमले के बाद पहुंचना था। जांच में एक अल्ट्रा-स्टेट संचार उपकरण के दो सिग्नल भी पकड़े गए हैं। इस उपकरण के जरिए बिना सिमकार्ड के मोबाइल फोन को आडियो या वीडियो काल के लिए कनेक्ट किया या संदेश भेजा जा सकता है। जिस क्षेत्र में ये सिग्नल पाए गए थे, उसकी तलाशी ली गई है।

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    NIA को सौंपी गई जांच

    पहलगाम आतंकी हमले से संबंधित जांच का जिम्मा संभालने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक सदानंद दाते गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम पहुंचे। यहां उन्होंने बैसरन घाटी का दौरा किया और सुरक्षाकर्मियों से हमले से जुड़ी जानकारी ली गई। 

    केंद्रीय आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय के आतंकवाद निरोधी और कट्टरपंथ निरोधी (CTCR) प्रभाग से जारी आदेश के बाद शनिवार देर रात औपचारिक रूप से एक नई प्राथमिकी दर्ज की, क्योंकि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

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