हमेशा के लिए इंतजार बन गया महाप्रभु का दर्शन, गम में बदल गई खुशी; प्रभाति दास के पति ने बयां की दर्द की दास्तां
Jagannath Rath Yatra Stampede भुवनेश्वर में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान विश्वजीत की पत्नी प्रभाति दास की भीड़ में दबकर मृत्यु हो गई। रथ से पर्दा हटने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ में पैर फिसलने से वह गिर गईं। उनके पति ने इस घटना के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थे।

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। Jagannath Rath Yatra Stampede: प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भुवनेश्वर की विश्वजीत की पत्नी प्रभाति दास (52) अपने परिवार के साथ जगन्नाथ रथयात्रा देखने गई थी।
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी वह रथ पर सवार भगवान का दर्शन करने का इंतजार कर रही थी, परन्तु महाप्रभु के दर्शन करने का इंतजार उनके लिए हमेशा के लिए इंतजार बन कर रह गया।
क्योंकि भोर के समय जैसे ही रथ के ऊपर महाप्रभु के सामने लगा पर्दा भक्तों के दर्शन के लिए हटाया गया, श्रद्धालुओं के भीड़ के कारण पैर फिसलने से वह जमीन पर गिर गई और उनकी मृत्यु हो गई।
इस हादसे के बाद उनके परिवार के साथ रिश्तेदार एवं आस-पास के लोग सदमे की स्थिति में हैं। मृतक महिला प्रभाति दास के पति विश्वजीत दास ने इस हादसे के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि हादसे के दौरान भीड़ को नियंत्रण करने के लिए मौके पर कोई भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नहीं थे।इस तरह की व्यवस्था हमने कभी नहीं देखी थी। वहीं, पुलिस और प्रशासन का कहना है कि भीड़ नियंत्रण में चूक के कारण ऐसा हुआ।
भीड़ देख मालतीपाटपुर से हुए थे वापस
विश्वजीत ने कहा कि परिवार शुक्रवार रात श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने रथ पर दर्शन करने गया था। हालांकि, वहां अनियंत्रित भीड़ को देखकर मालतीपाटपुर से ही वापस लौट आए।
इसके बाद शनिवार पुन: रात 9 बजे तीन कार के जरिए परिवार के सदस्य पुरी गए। एक दिन पहले हम खुशी-खुशी घर से निकले थे की महाप्रभु का दर्शन करेंगे, परिवार के खुशहाली के लिए मन्नतें मांगेंगे, परन्तु ऐसा नहीं हुआ। हमरी खुशी गम में बदल गई।
यह सब प्रशासनिक लापरवाही के कारण हुआ है। परिवार ने इसके लिए सरकार की गैरजिम्मेदारी को जिम्मेदार ठहराया है। घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।