एक रेलगाड़ी, समान रास्ता, पर किराया अलग-अलग! भारतीय रेलवे में ये क्या हो रहा? समझिए पूरा मामला
Indian Railway भारतीय रेल में आजकल एक बेहद अनोखी घटना घट रही है। एक ही रेलगाड़ी से समान दूरी तय करके जाने और फिर वापस आने के लिए अलग-अलग किराया वसूला जा रहा है। इस रेलगाड़ी का नाम खड़कपुर भद्रक पैसेंजर स्पेशल है। लौटते समय यात्री को 40 के बजाय 75 रुपये किराया देना पड़ता है। आगे पढ़िए पूरा मामला क्या है।

लावा पांडे, बालेश्वर। Indian Railway: भारतीय रेल जगत में एक ऐसी घटना घट रही है जो सुनने में अविश्वसनीय लग सकती है, लेकिन सच है। दरअसल, भारतीय रेल द्वारा यात्रियों से एक ही रेलगाड़ी में समान रास्तों के लिए दो अलग-अलग किराया वसूलने की घटना सामने आई है।
किराए में अंतर
यह रेलगाड़ी मुख्यतः दो रेलवे जोन के अंतर्गत चलती है, पहला साउथ ईस्टर्न जॉन एवं दूसरा ईस्ट कोस्ट रेलवे । यदि कोई भी यात्री खड़कपुर से भद्रक को आता है, वह भी "खड़कपुर भद्रक पैसेंजर स्पेशल रेलगाड़ी" से तो उसे किराए के तौर पर 40 रुपये देना पड़ता है, लेकिन यही किराया 2 गुना हो जाता है जब इस रेलगाड़ी से वही यात्री भद्रक रेलवे स्टेशन से खड़कपुर रेलवे स्टेशन को लौटता है।
लौटते समय यात्री को 40 के बजाय 75 रुपये किराया देना पड़ता है। भारतीय रेल जगत में यह पहली रेलगाड़ी है जोकि समान दूरी के लिए दो प्रकार से किराया वसूल रही है, वह भी विगत दो वर्षों से।
कोरोना के समय से ही यहां ऐसा हो रहा है। इस रेलगाड़ी में सफर करने वाले यात्रियों को तकलीफ तब होती है, जब उन्हें उसी रेलगाड़ी में समान दूरी के लिए दो गुना किराया देना पड़ता है।
शिकायत करने पर भी नहीं हुई सुनवाई
आखिर रेलवे कैसे दो प्रकार का किराया वसूल रहा है। रेल उपभोक्ता कमेटी के अध्यक्ष सुकुमार राणा का कहना है कि उन्होंने कई कई बार इसके विरोध में आवाज उठाई, लिखित रूप में इसकी शिकायत भी की, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
दक्षिणपूर्व रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि ईस्ट कोस्ट रेलवे को इसपर ध्यान देना चाहिए तथा उपयुक्त कदम उठाना चाहिए, क्योंकि, कोरोना के समय में किराए में वृद्धि की गई थी तथा खड़कपुर से भद्रक तक के लिए वही पुराना किराया वसूला जा रहा है।
रेलवे बोर्ड से नहीं मिला कोई जवाब
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ईस्ट कोस्ट रेलवे की माने तो यह मामला विचाराधीन है। बोर्ड का कहना है कि किराए में बदलाव को लेकर मिली शिकायतों के बाद रेलवे बोर्ड से किराए में बदलाव के लिए सिफारिश की गई, लेकिन अभी तक रेलवे बोर्ड की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है। मिलेगा तो इस पर कार्यवाही जरूर की जाएगी।
खड़कपुर रेलवे स्टेशन "दक्षिणपूर्व रेल जोन" के अंतर्गत आता है , जबकि भद्रक रेलवे स्टेशन "ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन" के अधीन आता है। ऐसे में कब तक यात्रियों को एक रेलगाड़ी से समान दूरी के लिए अलग-अलग किराया देना पड़ेगा? यह आज अपने आप में एक बड़ा सवाल बन चुका है।
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